जमशेदपुर। ‘ध्वनि’ में युवा मन ने उचित आचार-व्यवहार के माध्यम से देश के जिम्मेदार नागरिक बनने और समाज के विकास के लिए अपने प्रयासों को समर्पित करने के संकल्प के लिए दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत की।
‘ध्वनि’ में झारखंड और ओडिशा के युवाओं द्वारा उत्साहपूर्ण ऑनलाइन भागीदारी को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन के चेयरमैन टीवी नरेंद्रन ने कहा, ‘अपने भविष्य के लिए व्यक्तिगत रास्तों का निर्माण करते समय हम में से प्रत्येक को यह समझ कर निरंतर और सुसंगत बने रहने की आवश्यकता है कि हमारा एक छोटा-सा कदम भी हमें अपने लक्ष्य के करीब ले जाता है। असफलता को उसी भावना के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए, जिस प्रकार हम सफलता को गले लगाते हैं। यह हमें मजबूत बनाता है और आगे बढ़ने के लिए हिम्मत देता है।’
इस मुख्य सम्मेलन के पहले, टाटा स्टील के ऑपरेटिंग लोकेशनों में युवाओं के साथ आयोजित ‘मंथन यात्रा’ में युवाओं के जुड़ाव की कुछ प्रेरक कहानियां सामने आईं, जो सम्मान के हकदार हैं। इसके अनुसार, छह युवाओं को समाज में बदलाव लाने के उनके उत्साह के लिए ‘आउटस्टैंडिंग युवा चेंजमेकर्स’ के रूप में सम्मानित किया गया, जिनके नाम और कार्य इस प्रकार हैं :-
- जामाडोबा से पूजा कुमारी रजक (21) जो मासिक धर्म को लेकर सामाजिक कलंक को खत्म करने की दिशा में काम कर रही हैं।
- कलिंगानगर से चंदन तिरिया (18), जो ड्रॉप-आउट लड़कियों को स्कूल से वापस जुड़ने में मदद कर रहे हैं।
- वेस्ट बोकारो की प्रतिभा कुमारी (25), जिन्होंने महामारी के दौरान सुरक्षा मानदंडों के पालन को लेकर लोगों की जागरूकता बढ़ाने में योगदान दिया।
- वेस्ट बोकारो के मुकेश कुमार रविदास (18), जो स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में काम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाते हैं।
- नोओमुंडी से भीमसिंह चटौम्बा (20), जो वन संरक्षण गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
- नोओमुंडी से लाल्सा कुमारी (24), जो निःशुल्क कोचिंग कक्षाएं प्रदान कर रही हैं।

‘स्वतंत्र तालीम’ की सह-संस्थापक रिधि अग्रवाल और सरायकेला-खरसावां से आदिवासी भाषाओं के जानकार एडवोकेट रेमो राज सोरेन समेत कई अनुभवी प्रतिवेदकों के एक पैनल ने सम्मेलन के पहले उप-विषय ‘गुणवत्त शिक्षा और युवाओं की भूमिका’ पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला कि 55 प्रतिशत युवा शिक्षा के लिए डिजिटल मोड के बजाए फिजिकल मोड पसंद करते हैं।
जामाडोबा की अंजलि कुमारी और वेस्ट बोकारो की सीमा यादव ने युवाओं की आवाज का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि युवा स्वीकार करते हैं कि केवल रट्टा लगा कर सीखना और डिग्री हासिल करना आगे जाकर हमेशा फायदेमंद साबित नहीं होते, इसलिए शिक्षा व्यवस्था में प्रणालीगत बदलाव लाने की जरूरत है।
सीमा यादव ने बालिका शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ’एक बालिका को शिक्षित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दो परिवार एक महिला पर निर्भर होते हैं।’ सम्मेलन के दूसरे उप-विषय ‘आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में युवा’ की व्याख्या करते हुए वेस्ट बोकारो से रहनुमा फिरदौस और जोडा से आशीष पेलेई ने समाज के दृष्टिकोण को बदलने और उद्यमियों को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
एकता जाजू, संस्थापक व सीईओ, ‘ऑनगैनिक फूड्स’ और रज़िया शेख, संस्थापक, ‘बस्तर फ़ूड’ ने नेटवर्क मार्केटिंग और डिजिटल उपक्रमों पर सवालों के जवाब देते हुए संवाद में योगदान दिया।