एमबी डीएवी के संगीत शिक्षक श्रवण कुमार पाठक मिला अवार्ड

झारखंड
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लोहरदगा। एमबी डीएवी पब्लिक स्‍कूल के संगीत शिक्षक श्रवण कुमार पाठक को ‘रावा आइकॉन अंतरराष्‍ट्रीय कला श्री अवार्ड’ से सम्‍मानित किया गया है। रांची के डॉ श्‍याम प्रसाद मुखर्जी विश्‍वविद्यालय के सभागार में संगीत और कला के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए उन्‍हें यह अवार्ड दि‍या गया। इस अवसर पर हरानंदा, एमपी संजय सेठ, डॉ महुआ माजी, डॉ सत्‍यनारायण मुंडा, संजय कुमार सहित अन्‍य मौजूद थे।

जानकारी हो कि साधु संगीतज्ञ स्वर्गीय पंडित रामवृक्ष पाठक के पौत्र एवं ध्रुपद सम्राट गया घराना पंडित कृष्ण मोहन पाठक के पुत्र श्रवण कुमार पाठक ने झारखंड-बिहार सहित पूरे देश में अपना पखावज वादन में पहचान बनायी है।

13 जून 1975 को ग्राम ईश्वरपुर गया, बिहार में जन्मे श्रवण की बचपन से ही संगीत के क्षेत्र रूचि रही है। इनको शास्त्रीय संगीत की पारंपरिक शिक्षा विरासत में मिली है। इन्होंने गायन पिता कृष्ण मोहन पाठक, तबला चाचा राम बचन पाठक, अभिराम पाठक और बड़े भाई शैलेंद्र कुमार पाठक से सीखा।

इनका परिवार शास्त्रीय संगीत ध्रुपद धमार गायकी की परंपरा से जुड़ा है। इसलिए इन्होंने पखावज बजाना शुरू कि‍या। लगभग 10 वर्षों के कठिन परिश्रम के बाद आकाशवाणी महानिदेशालय, नई दिल्ली से पखावज वादन में बी उच्च श्रेणी के कलाकार घोषित किए गए। आज इनका कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्र से अक्सर प्रकाशित होता रहता है।

संगीत प्रवीण तबला एवं संगीत प्रभाकर गायन की डिग्रियां प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से प्राप्त किया। बचपन से रांची में रह रहे श्रवण का एकमात्र लक्ष्य है अपने पखावज वादन से झारखंड का नाम उज्ज्वल करना है।