एनसीसी की तरह एनएसएस के प्रमाण पत्र को रोजगार में महत्‍व दि‍लाने की कोशिश

झारखंड
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  • कार्यक्रम पदाधिकारी और एनएसएस के टीम लीडर्स की बैठक में बोले क्षेत्रीय निदेशक

रांची। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी और एनएसएस के टीम लीडर्स की बैठक कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्‍यक्षता में हुई। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा सकते हैं। छोटे-छोटे कार्यों के माध्यम से समाज में काफी बदलाव लाया जा सकता है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक (बिहार एवं झारखंड) पीयूष विनायक परांजपे ने कहा कि एनएसएस के कार्यों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में बार-बार आता है। इससे यह साफ होता है कि हमारे कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयसेवक अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं। इस वर्ष से राज्य स्तरीय एनएसएस पुरस्कार कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों के लिए आयोजित किये जायेंगे। उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। दो वर्ष तक एनएसएस में कार्य करने वालों स्वयंसेवकों को प्रमाण पत्र दिया जाता है। मेरी कोशिश होगी कि प्राप्त प्रमाण पत्र का रोजगार में महत्व मिले, जिस प्रकार एनसीसी के कैडेटों को मिलता है।

रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू और वित्त पदाधिकारी डॉ पीके वर्मा ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से व्यक्तित्व विकास में सहायता मिलता है। कार्यक्रम पदाधिकारी एनएसएस की रीढ़ होते हैं। स्वयंसेवक समाज के बदलाव में महत्ती भूमिका का निर्वहन करते हैं। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक महाविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव और स्लम बस्ती में सामाजिक मुद्दों पर जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। बैठक में डॉ कमल बोस, डॉ कुमारी उर्वशी, डॉ सुषमा एक्का, डॉ स्मृति सिंह, डॉ रीता कुमारी, डॉ भारती द्विवेदी, अनुभव चक्रवर्ती, डॉ पुष्पा सुरीन, डॉ सुमित डे, डॉ सुब्रतो सिन्हा, डॉ सुरभि श्रीवास्तव सहित एनएसएस के टीम लीडर्स दिवाकर, सुमित, दीपा, दिव्यांशु, फलक, रूपा, रुचि, प्रिंस, कैश, ऋतु, संकेत आदि ने सुझाव दिए। संचालन रांची विवि के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार एवं धन्यवाद डॉ कमल बोस ने किया।