- मनाही के बाद भी महिला छात्रावास का हो रहा संचालन, रह रही छात्राएं
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड के वित्त मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ही सरकार के निर्देश की धज्जी उड़ाई जा रही है। सरकार की मनाही के बाद भी यहां के शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं के हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। यहां छात्राओं को रखा गया है। इस बारे में प्राचार्य और वार्डन की राय भी अलग-अलग है।
सरकार के निर्देश को ताक पर रखकर जिले के मधुसूदन लाल अग्रवाल महिला कॉलेज में हॉस्टल का संचालन हो रहा है। बताया जाता है कि कॉलेज में नौकरी करने वाले कुछ रसूखदार लोग हैं। वे अपने प्रभाव की बदौलत नियम-कानून को दरकिनार कर रहे हैं।
कॉलेज के हॉस्टल में दर्जनों छात्रों को रखा गया है। वही महिला हॉस्टल में वार्डन अपने पति के साथ रहती है। बतातें चलें कि अब तक राज्य सरकार द्वारा किसी भी शैक्षणिक संस्थान के हॉस्टल के संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। यहां छात्र-छात्राओं को रखने की मनाही है। सरकार ने सिर्फ 10वीं और 12वी कक्षा के संचालन की इजाजत दी है।
इस बारे में पूछे जाने पर वार्डन रीता देवी ने कहा कि मेरी तबियत ठीक नहीं रहती है। इसलिए छात्रा मेरे सहयोग के लिए आयी है। उसने कहा कि लॉकडाउन के पूरे कार्यकाल में वह हॉस्टल में ही रही, लेकिन कोई देखने तक नहीं आया।
मामले पर कॉलेज के प्रिंसिपल स्नेह कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हाल ही में कॉलेज में स्पेशल क्लास शुरू हुआ है। इससे कुछ शिक्षकों को परेशानी हो रही है। इसकी वजह से दबाव बनाया जा रहा है। हॉस्टल में छात्रों को रखने के मामले में पूछने पर कहा कि इसकी मुझे जानकारी नहीं है। हालांकि कुछ छात्राएं फॉर्म भरने के लिए आयी थीं।
हॉस्टल में ही रह रहे वार्डन के पति बालकिशुन भगत ने कॉलेज प्रबंधन पर कुछ और ही आरोप लगा दिया। उसने कहा कि यहां छात्राओं से तरह-तरह के शुल्क के नाम पर वसूली की जा रही है। फार्म भरने के क्रम में निर्धारित शुल्क से अधिक पैसा लिया जा रहा है। छात्रवृत्ति और ऑनलाइन के नाम पर वसूला जा रहा है। इस बारे में भी देखा जाना चाहिए।
इस बारे में अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल ने कहा कि हॉस्टल संचालन के बारे में सूचना मिली है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रावास संचालन की कोई गाइडलाइंस प्राप्त नहीं है और ना ही कोई अनुमति दी गयी है।