झारखंड में मडुआ को बढ़ाने वाले वैज्ञानिक डॉ हैदर रिटायर

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ जेडए हैदर लगभग 4 दशकों की सेवा के बाद 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। सेवाकाल के आखिरी दिन रविवार होने के कारण शनिवार को कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के प्रबंध पर्षद कक्ष में आयोजित एक समारोह में उन्हें विदाई दी गई।

डॉ हैदर पिछले लगभग डेढ़ दशक से जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के एसोसिएट डीन भी थे। उन्होंने 8 वर्षों तक बीएयू के निदेशक आवासीय शिक्षा सह अधिष्ठाता स्नातकोत्तर अध्ययन संकाय का दायित्व भी निभाया।

बिहार के दरभंगा में पले, बढ़े, पढ़े डॉ हैदर  19 जुलाई, 1982 को बीएयू के आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग में कनीय वैज्ञानिक सह सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। 1 जनवरी, 1990 को सीधी भर्ती द्वारा वरीय वैज्ञानिक सह एसोसिएट प्रोफेसर बने। 1 जनवरी, 2000 के प्रभाव से मुख्य वैज्ञानिक सह आचार्य के पद पर प्रोन्नत हुए। यह शुरू से स्मॉल मिलेट्स संबंधी आईसीएआर की अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक रहे। चावल समन्वयक के रूप में चावल अनुसंधान कार्यों का भी मार्गदर्शन-पर्यवेक्षण किया। दशकों के अनुसंधान, प्रयोग एवं आंकड़ा विश्लेषण के उपरांत इन्होंने पोषकतत्वों से भरपूर गुंदली और मड़ुआ का चार उन्नत प्रभेद विकसित किये।

बिरसा गुंदली-1, ए-404, बिरसा मड़ुआ-2 और बिरसा मडुआ-3 नाम से जारी ये प्रभेद पानी की कमी वाली झारखंड की परिस्थितियों में बेहतर उपज देने की क्षमता रखते हैं। काला-भूरा रंग का मड़ुआ ज्यादातर शहरी लोगों के चित्त पर नहीं चढ़ता था, इसलिए इन्होंने काफी प्रयास के बाद सफेद रंग का झारखंड वाइट मड़ुआ-1 नाम का एक प्रभेद विकसित किया है, जो जारी किए जाने के लिए पाइपलाइन में है। एक अन्य प्रभेद बिरसा ब्राउन मड़ुआ का विकास भी अंतिम चरण में है। सूक्ष्म पोषकतत्वों से भरपूर मड़ुआ राज्य में कुपोषण की समस्या के निदान में काफी मददगार साबित हो सकता है। 

देश-विदेश के अग्रणी रिसर्च जर्नल में इनके 120 शोधपत्र प्रकाशित हैं। ये  पीएचडी  के 7 छात्रों और एमएससी के लगभग दो दर्जन छात्र-छात्राओं की थीसिस के गाइड भी रहे।

डॉ हैदर की पहल पर ही गृह विज्ञान विभाग ने शहरी आबादी और युवा पीढ़ी के बीच मड़ुआ को लोकप्रिय बनाने के लिए इसका कुकीज, बिस्किट, केक आदि बनाने का कार्य प्रारंभ किया, जिसकी आज काफी मांग है।

डॉ हैदर के अलावा प्रशाखा पदाधिकारी बंशी रविदास, सहायक फागू गाड़ी, प्रोग्राम  ऑर्गेनाइजर जवाहर मणि मिश्र, क्षेत्र अधिकदर्शक शंकर महतो, अब्दुल बरगत खान और चतुर्थवर्गीय कर्मी इंता देवी ने भी अवकाश प्राप्त किया। वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में उन्हें विदाई दी गई।