बीएयू के ठेकेदारों ने बकाया राशि भुगतान को लेकर दिया धरना

झारखंड
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  • राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कार्य एवं संयत्र विभाग के ठेकेदारों का पिछले 18 माह से बकाया का भुगतान नहीं हुआ है। भुगतान की मांग को लेकर ठीकेदारों ने निदेशक कामेश्वर प्रसाद के कार्यालय के समक्ष पोस्टर लेकर धरना दिया और नारेबाजी की। धरना के बाद राजभवन जाकर राज्यपाल सचिवालय में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। मंगलवार को उन्‍होंने निदेशक कार्यालय का घेराव किया था।

संवेदकों ने कहा कि विभाग में 1 वर्ष से भी ज्यादा समय से कार्य कर रहे दर्जनों ठेकेदारों का लगभग 20 करोड़ रुपया बकाया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन भुगतान नहीं कर रहा है। उल्टे 1 जनवरी को 48 लाख रुपया का निविदा भी निकाल दिया। उन्‍होंने निकाले गए टेंडर को रद्द करने और बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग की।

संवेदकों ने कहा कि उनपर बैंकों और महाजनों का काफी कर्ज हो गया है। समस्याओं से भी ग्रसित हो गए हैं। कई संवेदक व  इनके परिजन अस्पताल में भर्ती है। बच्चों की स्कूल कॉलेज की फीस भी नहीं दे पा रहे हैं। लंबित भुगतान को लेकर जब वे कुलपति से मिलने जाते हैं, तब वे नहीं मिलते। कई बार निदेशक कार्यं संयंत्र को लिखित और मौखिक तौर पर बिल भुगतान की गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि शीघ्र भुगतान नहीं किया गया तो उनके समक्ष परिवार सहित भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। बैंक भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करना शुरू कर देंगे।

संवेदकों ने निदेशक कार्य संयंत्र से गुहार लगाई है कि बिल का भुगतान शीघ्र कराया जाए। उसके बाद ही नया टेंडर निकाला जाए। ऐसा नहीं होने पर वे आंदोलनात्मक कदम उठा सकते हैं। संवेदकों ने बीएयू के कुलपति को भी शीघ्र भुगतान को लेकर ज्ञापन दिया है। धरना दे रहे संवेदकों की जानकारी पाकर कांग्रेस पार्टी के ग्रामीण रांची जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार बैठा धरना स्थल पर पहुंचे। फिर कुलपति डॉ ओएन सिंह से मिलकर संवेदकों की सारी समस्याओं को विस्तार से बताया। बकाया विपत्र राशि का भुगतान शीघ्र किए जाने की बात कही। श्री बैठा ने संवेदकों को बताया कि कुलपति ने कहा कि बकाया राशि भुगतान के लिए वे प्रयासरत हैं। धरना में  सपन डोंगरा, अख्तर हुसैन, लाल मोहम्मद, मुकेश यादव, गुलजार अहमद, बसंत  महतो, असगर अंसारी, अरुण सिंह, आशुतोष सिंह सहित अन्‍य ठेकेदार शामिल हुए।