- निस्पंद, फरवरी से आईओएस, एंड्रॉयड, वेब पर उपलब्ध होगा
मुंबई। आयुष मंत्री श्रीपद वाई नाईक ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान योग ने लोगों को ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रबंधित करने में मदद की है। उन्होंने कोविड-काल में द योगा इंस्टीट्यूट द्वारा शुरू की गयी पहलों और व्यक्ति व समाज के प्रति 102 वर्षों से उनकी सतत समर्पित सेवा के लिए प्रशंसा की।
श्री नाईक द योगा इंस्टीट्यूट के 102 वर्ष पूरे होने पर आयोजित वर्चुअल मीट के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने इंस्टीट्यूट के मेडिटेशन एप निस्पंद को भी सॉफ्ट-लॉन्च किया।
मंत्री ने कहा कोविड-19 के इस मुश्किल समय में लोगों ने योग के वास्तविक मूल्य को जानना शुरू किया है। योग ने ना केवल लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को प्रबंधित करने में मदद की, बल्कि इसने उनका मानसिक एवं भावनात्मक कल्याण करने का भी काम किया। अन्नम ब्रह्म अभियान के जरिए नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराने से लेकर फ्रंटलाइन वॉरियर्स की सहायता करने तक इंस्टीट्यूट ने बढ़-चढ़कर अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया। लोगों के जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया।
श्री नाईक ने आने वाले समय में निस्पंद एप लॉन्च करने की भी घोषणा की, जिसे उन्होंने ”एक ऐसा एप बताया जिसका इंतजार पूरी दुनिया को है। मंत्री ने कहा यह एप्प ध्यानाभ्यास की कुंजी आपकी मुट्ठी में उपलब्ध करायेगा। निस्पंद दुनिया में ध्यानाभ्यास के तरीके में क्रांति लाने जा रहा है। यह 360-डिग्री स्वास्थ्य हासिल करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ायेगा।
निदेशक डॉ हंसा जे योगेंद्र ने कहा कि ‘इस वर्ष गृहस्थ योग की हमारी सेवा में हमने कोविड महामारी से राहत एवं बचाव के लिए अनेक पहलें की। इंस्टीट्यूट देश-दुनिया के अधिकाधिक लोगों तक गृहस्थ योगको ले जाने के लिए सदैव वचनबद्ध रहा है। जीवन में परिवर्तन लाने की 102 वर्षों की हमारी इस यात्रा को सफल बनाने का श्रेय हमारे संस्थापक योग गुरू योगेंद्र के मार्गदर्शन में तीन पीढ़ियों के योगियों की सोच एवं प्रयासों और उन हजारों लोगों को जाता है, जो पिछली शताब्दी से द योगा इंस्टीट्यूट परिवार का हिस्सा रहे हैं।