- बीएयू : मौसम आधारित एग्रो एडवाईजरी पर प्रशिक्षण सह संवेदीकरण का आयोजन
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओएन सिंह ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और आईसीएआर के सौजन्य से राज्य के 11 जिलों में केवीके के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट एग्रोमेट यूनिट (डामू) का संचालन होगा। आईएमडी की तकनीकों से देश के किसानों को मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी मिलने लगी है। जिलों में डिस्ट्रिक्ट एग्रोमेट यूनिट की स्थापना से प्रखंड स्तर तक के किसान को मौसम आधारित एग्रो एडवाईजरी सेवा का लाभ मिलने लगेगा। वे शुक्रवार को मौसम आधारित एग्रो एडवाईजरी विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण सह संवेदीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
कुलपति ने कहा कि इस यूनिट के कार्यान्वयन में विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं प्रसार ईकाई के बीच मजबूत समन्वय स्थापित करनी होगी, ताकि प्रदेश के बहुतायत गरीब किसानों को इसका लाभ मिल सके। बीएयू वैज्ञानिक किसान हितों के संरक्षण एवं उनकी समस्याओं के निदान में प्रयत्नशील है। प्रदेश के बहुतायत किसान गरीब है। इन किसानों की सेवा में केवीके वैज्ञानिकों को पूर्ण समर्पण एवं यथोचित समय देने की आवश्यकता है।
निदेशक अनुसंधान एवं अध्यक्ष, कृषि मौसम एवं पर्यावरण विभाग डॉ अब्दुल वदूद ने डामू के तहत मौसम आधारित कृषि सलाहकार सेवा की आवश्यकता, महत्व और तर्कसंगत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आईएमडी ने देश में लगभग 130 कृषि मौसम क्षेत्र इकाइयों (एएमएफयू) का एक नेटवर्क स्थापित किया। बीएयू द्वारा रांची, दारीसाई (पूर्वी सिंहभूम) और दुमका में एएमएफयू यूनिट का संचालन किया जा रहा है।
राज्य के 11 डिस्ट्रिक्ट एग्रोमेट यूनिट पर जिले में प्रखंड स्तर तक मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवा की तैयारी और प्रसार की जिम्मेदार होगी। यह यूनिट पारंपरिक/स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) से मौसम डेटा से जिलों के कृषक समुदाय के लिए कृषि प्रबंधन के लिए विशिष्ट परामर्श तैयार एवं प्रसारित करेगा।
मौके पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट एग्रोमेट यूनिट का राज्य के बोकारो, चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, पलामू, साहेबगंज, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम में केवीके के माध्यम से संचालन होगा। इस यूनिट की स्थापना से प्रखंड स्तर तक मौसम आधारित कृषि मौसम सेवा को सशक्त होगी। किसानों को मौसम के दृष्टिकोण से फसल उत्पादन, फसल सीजन के दौरान आकस्मिक योजना पर मार्गदर्शन देने में सहायक होगी।
कार्यक्रम का आयोजन आईसीएआर-अटारी, पटना एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय, बीएयू के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। इसमें राज्य के 11 जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भाग ले रहे है। मौके पर डॉ रमेश कुमार, डॉ प्रज्ञा कुमारी, बिनोद कुमार, संजीव कुमार, अभिषेक आनंद, दीपक तिर्की, अभय कुमार, डॉ श्रीकांत, डॉ एसपी कुमार, डॉ पंकज सेठ, डॉ बंधनु उरांव आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन स्मिता श्वेता ने की। धन्यवाद केवीके प्रभारी डॉ सोहन राम ने किया।