खूंटी । यह अनोखी पहल है। महज चार घंटे में ग्रामीणों ने चार घंटे में चार बोरी बांध बना दिया। इसकी वजह से आसपास के खेतों में फसलें लहलहाएगी। जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाइटी और ग्राम सभाओं के माध्यम से जिले में जनशक्ति से जल शक्ति अभियान चल रहा है।
अफसरों ने भी किया श्रमदान
इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले के मुरहू प्रखंड के इंदिरा कॉलोनी और करंजटोली में लगभग 250 से ज्यादा ग्रामीणों ने श्रमदान कर करीब चार घंटे में चार बोरी बांध का निर्माण किया। ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करने और उनके साथ मिलकर बोरी बांध निर्माण कार्य में अनुमंडल पदाधिकारी हेमंत सती एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रदीप भगत द्वारा श्रमदान किया गया।
सामाजिक बंधन मजबूत हो रहा
मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि बोरीबांध अपने आप में अनोखी पहल है। इससे जिले का सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास हो रहा है। बांध बनाने के क्रम में पूरे गांव के लोग एकजुट होते हैं। इससे सामाजिक बंधन और भी मजबूत हो रहा है। उनका कहना है कि खूंटी में बोरीबांध की जो संकल्पना की गई है, इसे पूरे राज्य में लागू करना चाहिए। स्थानीय लोगों को छोटी-छोटी चीजों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मवेशियों को पानी मिलेगा। कपड़ा धोने, बच्चों के नहाने-धोने और सांस्कृतिक कार्यों के लिए बोरीबांध का पानी इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे गांव का चौमुखी विकास हो रहा है। यह एक अच्छी संकल्पना है।
खेत को सिंचित किया जाएगा
जिला प्रशासन व सेवा वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त प्रयासों से ग्रामीणों के बीच जाकर इन्हें जल संरक्षण के संबंध में जानकारी दी गयी है। इन्हें आत्मनिर्भर बनने और जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। इससे गांव के लोग काफी उत्साहित थे। अब गांव के लोग इस पानी में मत्स्य और बत्तख पालन करने के लिए अग्रसर हैं। यह चार बोरीबांध लगभग 15 से 20 एकड़ भूमि को सिंचित करने का काम भी करेगें।
इन लोगों ने किया श्रमदान
अनुमंडल पदाधिकारी हेमंत सती, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रदीप कुमार भगत, सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा, करंजटोली के ग्रामीण सुशील सोय, बहालेन सोय, बीरंग सोय, फुलमनी तीडू, सुनीता सोय, सोमा पूर्ती, रोशन पूर्ति, दुंदिया पूर्ति, चुन्नी सोय, जेठा पूर्ती, जुसब पूर्ति, बुधवा सोय, जेगो मुंडा, दिलीप सोय, इंदिरा कॉलनी के बिरसिंह पाहन, बिरसा होरो, उम्बुल पूर्ति, मंगल सिंह मुंडा, विजय नायक, संदेशा प्रधान, एतवा सोय, संजय प्रधान, बुधु प्रधान, बबलु नायक, याकुब सुरीन समेत गांव के बच्चों, युवाओं का योगदान था।