मास्क नहीं पहनने वालों को कोरोना मरीजों के सामुदायिक केंद्र में करनी पड़ेगी सेवा

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गुजरात। मास्क नहीं पहनने पर लोगों को सजा के तौर पर कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में समुदायिक सेवा में सेवा करनी पड़ सकती है। गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को इसे अनिवार्य बनाने को कहा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माने की सजा के अलावा कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में समुदायिक सेवा को अनिवार्य बनाए।

मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला की पीठ ने यह आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि नियम उल्लंघन करने वालों की कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में समुदायिक सेवा के तहत ड्यूटी लगाए। उन्हेंय गैर चिकित्सकीय (जैसे साफ सफाई) में लगाया जाए। इसकी अवधि 5 से 15 दिन तक रोजाना 4 से 6 घंटे की हो सकती है। इस बारे में प्राधिकारी उचित फैसला लें।

अदालत ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा को अनिवार्य करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

जानकारी हो कि गुजरात में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,11,257 हो गई है। मंगलवार को राज्यम में कोरोना के 1,477 नए मामले आये। संक्रमण से 15 और मरीजों की मौत हो गई। राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 4,004 पर पहुंच गई।