
रांची । राज्य के विभिन्न हिस्सों में तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। रांची स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार राज्य के कई जिलों में भी शीतलहर, ठंड, कुहासा के प्रकोप की आशंका बन रही है। शीतलहर से बचाव के के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इसे अमल में लाने की सलाह दी गई है।
इन उपायों को अपनाने पर जोर
- अत्यधिक ठंड से बचने के लिए आवश्यक गर्म कपड़ों जैसे-स्वेटर, मफलर, टोपी, दस्ताने का इस्तेमाल करें। घर के अंदर सुरक्षित रहें। मौसम की जानकारी लेते रहें। बच्चे और बूढ़ों के सिर पर टोपी एवं पैरों में गर्म मोजे अवश्य पहनाएं।
- शीतदंश के लक्षणों को पहचानें। शीतदंश होने पर हाथों व पैरों की उगलियों, कानों, नाक आदि पर सफेद या पीला दाग उभर आता है। शीतदंश की स्थिति में शीघ्र अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाकर ईलाज करायें। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े आपको शीतदंश और हाइपोथर्मिया से बचा सकते है।
- कोयले की अंगीठी, किरोसिन चूल्हा आदि का प्रयोग करते समय सावधान रहे। कमरे को हवादार रखे, ताकि जहरीले धुएं से नुकसान नहीं हो। अंगीठी और चूल्हा जलाकर नहीं सोयें।
- ठंड से बचने के लिये लोग विद्युत उपकरणों यथा-गिजर, हिटर आदि का प्रयोग करते हैं। इससे शॉट-सर्किट द्वारा आग लगने की आशंका रहती है। उपकरणों के उपयोग के पहले घर की वायरिंग तंत्र को दुरूस्त करा लें। उपकरणों की गुणवता एवं क्रियाशिलता को अच्छी तरह से परख लें।
- हीटर, अलाव आदि के तीन फीट की घेरा में किसी भी प्रकार का पर्दा, फर्नीचर, छत, पालतू जानवर आदि नहीं हो।
- शरीर को सूखा रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें।
- विषम परिस्थियों अथवा अत्यधिक सर्दियों के लिए ईधन बचाकर रखें।
- यथासंभव विशेषकर रात्रि में बाहर जाना कम करें।
- जलावन की लकड़ियां और पर्याप्त गर्म कपड़ों के साथ आपातकालीन मेडिकल कीट तैयार रखें।
- सरकार द्वारा वितरित किए जा रहें कंबल एवं गर्म कपड़ों की मदद ले।
- रिक्शावाले, फुटपाथ पर रहने वाले, जिला प्रशासन द्वारा स्थापित रैन-बसेरा/सरकारी बस स्टैंड इत्यादि में ही रात बितायें। विशेषकर ऐसे जगहों पर जहां प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था सुनिश्चत की गयी हो।
- मवेशियों को रात में खुले आकाश/पेड़ के नीचे नहीं रखें। मवेशियों को छत के नीचे रखकर बोरा/पुराना कंबल से ढकें। रात मे आग जलाए। उनके बैठने की जगह पर पुआल/रबर मैट का इस्तेमाल करें।
- ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक ठंड/पाला से फसल को बचाने के लिए सिंचाई/बाड़ लगाने, फसल को ढकने की व्ययवस्था करें।
- घने कुहासे अथवा बारिश में गाड़ी नहीं चलायें। अतिआवश्यक होने पर फॉग लाईट जलाकर, धीमी गति से सावधानीपूर्वक गाड़ी चलायें।
- किसी भी प्रकार का आपदा होने पर अपने प्रखंड/अंचल, अनुमंडल एवं जिला प्रशासन से संपर्क करें।