उत्पादकता बढ़ाने के लिए टाटा स्टील ने लॉन्ग पाइप कन्वेयर लॉन्च किया

झारखंड बिज़नेस
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बोकारो। टाटा स्टील टेक्नोलॉजी में लगातार सुधार कर उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहती है। इसी प्रयास के तहत कंपनी ने वेस्ट बोकारो डिवीजन के अपने ओपनकास्ट कोल माइंस में एक अत्याधुनिक लॉन्ग पाइप कन्वेयर (एलपीसी) स्थापित किया है। टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन ने इसका उद्घाटन किया। कार्यक्रम में कंपनी के वाइस प्रेसिट समेत कई अधिकारी शामिल हुए।

इस अवसर पर श्री नरेंद्र ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजियों और सस्टेनेबल अभ्‍यासों का कार्यान्वयन खनन परिचालनों के लिए महत्वपूर्ण सक्सेस फैक्टर है। लॉन्ग पाइप कन्वेयर उत्पादकता में सुधार करेगा। कोयला परिवहन में पर्यावरणीय फुटप्रिंट को कम करने में मदद करेगा।

वेस्ट बोकारो में टेक्नोलॉजी के विकास के अलावा 4 किलोमीटर का यह एलपीसी प्रोजेक्ट टाटा स्टील का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। 61 वर्ष पुराने मोनो-केबल और बाय-केवल रोपवे प्रणाली के स्थान पर स्थापित यह एलपीसी एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी है, जो सुरक्षा और पर्यावरण स्नेही सस्टेनेबल खनन अभ्‍यासों के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता को दोहराता है।

मौजूदा रोपवे परिवहन प्रणाली की जगह अब एलपीसी वॉशरियों से कोयला और बाय प्रोडक्ट चैनपुर रेलवे साइडिंग तक लाएगा। कन्‍वेयर को एक नियंत्रित ‘स्टार्ट ट्रांसमिशन ड्राइव’ द्वारा संचालित किया जाता है, जिसमें आग-प्रतिरोधी गुणी के साथ एक स्टील को बेल्ट होता है। कन्‍वेयर के ऊपर दी मेंटेनेंस ट्रॉलिया मेंटेनेंस स्टाफ और सभी आवश्यक उपकरण वहन करेगी। इस पाइप कन्‍वेयर में ना केवल जीरो स्पिलेज होगा, बल्कि यह शोर-रहित होगा। वेस्ट बोकारो डिवीजन की उत्पादकता को और बेहतर करेगा।

यह सिंगल यूनिट कोयला और बाय-प्रोडक्ट ग्रेड, दोनों को हैंडल कर सकता है। हर घंटे 1200 टन ले जा सकता है। इस प्रकार यह सड़क परिवहन और रोपवे परिवहन की तुलना में सस्ता और सुरक्षित है। चूंकि यह एक बंद संरचना होगी, इसलिए रास्ते में सामग्रियों का क्षरण (डिग्रेडेशन) भी नहीं होगा।