
रांची। पत्र सूचना कार्यालय व रीजनल आउटरीच ब्यूरो, रांची और फील्ड आउटरीच ब्यूरो, दुमका एवं सीएसआईआर-सीएमईआरआई दुर्गापुर के संयुक्त तत्वावधान में ‘भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव: आत्मनिर्भर भारत तथा वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान’ विषय पर 17 दिसंबर को वेबिनार परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षा, विज्ञान एवं अनुसंधान क्षेत्र से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया। विशेषज्ञों का कहना था कि भारत का विज्ञान के हर क्षेत्र में प्राचीन और वैदिक काल से ही बड़ा योगदान रहा है। विज्ञान और तकनीक से मानव समाज और विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों के समाधान संभव हैं।
वेबिनार परिचर्चा की शुरुआत करते हुए अपर महानिदेशक पीआईबी-आरओबी अरिमर्दन सिंह ने कहा कि भारत ने हमेशा वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वास किया है। देश का हमेशा यह उद्देश्य रहा है कि कोई भी आविष्कार हो, वह देश और काल की सीमा से परे हो। स्वार्थ के लिए ही नहीं। परमार्थ के लिए भी हो। उसके लिए पहले जरूरत है कि हम आत्मनिर्भर बने और विज्ञान में हाई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ आम लोगों के जीवन में खुशहाली लाए।
सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर के निदेशक प्रो (डॉ) हरीश हिरानी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के समुचित अनुप्रयोग से मानव समाज और संपूर्ण विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों के समाधान सम्भव है। वैज्ञानिक नवोन्मेष के द्वारा ना सिर्फ हम आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को मजबूत कर सकते है, बल्कि विश्वकल्याण की दिशा में प्रभावी योगदान दे सकते है।
रांची विमेंस कॉलेज की सह-आचार्या डॉ आभा प्रसाद ने कहा कि हमें समझना होगा कि साइंस के उपयोग के बिना मनुष्य की उन्नति संभव नहीं है। देश की तरक्की के लिए यह जरूरी है कि हर बच्चे में साइंस के प्रति जागरुकता बढ़े। इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थोल्मलॉजी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की डॉ एस आइशा रजा ने कहा कि विज्ञान और तकनीक एक अच्छा समाज बनाने में तभी कारगर होगा, जब हम साइंटिफिक टेंपर को जनता में फैलाएं।
इस वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी शाहिद रहमान ने किया। तकनीकी सहायता तथा समन्वय सहयोग क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी ओंकार नाथ पांडेय और श्रीमती महविश रहमान द्वारा क्रमशः दिया गया। वेबिनार में विज्ञान और जनसंचार संस्थानों के अधिकारी, कर्मचारी, छात्रों के अलावा पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया।