रांची । दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन ने मोदी सरकार की पोल खोल दी है। किसान विरोध कर रहे हैं। फिर भी वह कृषि कानूनों को लागू करने में तुली है। उक्त बातें भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कही। वे 6 दिसंबर को भाकपा राज्य कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे।
श्री मेहता ने कहा कि 200 किसान संगठनों के आह्वान पर भारत बंद का सभी वामदल और धर्मनिरपेक्ष दल और सामाजिक संगठन समर्थन करते हैं। सभी दल व संगठन सक्रिय तौर पर सड़क पर उतरेंगे। किसानों की लड़ाई सिर्फ उनकी नही, बल्कि पूरी जनता की है। उन्होंने कहा कि सभी जनता इसका समर्थन कर रही है।
इस मौके पर माकपा के सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव ने कहा कि झारखंड भी इस लड़ाई में कम नहीं है। गांव-गांव में गोलबंदी हो रही है। भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि यह कोई एक दिन की नहीं, बल्कि कई वर्षों से इसकी तैयारी चल रही है। स्वामीनाथन आयोग के मामले में संघर्ष इसकी शुरुआत है। राजद के वरीय उपाध्यक्ष राजेश यादव ने इस संघर्ष का समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह किसानों के आत्मसम्मान की लड़ाई है। इस मौके पर मासस के सुशांतो मुखर्जी, मजलिसे उलेमा, झारखण्ड के केंद्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल अजहर कासमी, भाकपा के जिला सचिव अजय सिंह, भाकपा राज्य परिषद के उमेश नज़ीर व महिला नेत्री शुभा कुमारी मौजूद थे।