नई दिल्ली। खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 में चार स्व देशी खेल शामिल किये गये हैं। खेल मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 हरियाणा में होने वाला है। शामिल किये गये खेलों में गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता और मलखम्ब हैं।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा ने कहा कि भारत में स्वदेशी खेलों की एक समृद्ध विरासत है। इन खेलों को संरक्षित करना, प्रोत्साहन देना और लोकप्रिय बनाना खेल मंत्रालय की प्राथमिकता है। खेलो इंडिया गेम्स से बेहतर दूसरा कोई मंच नहीं है, जहां इन खेलों के खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा कर सकें। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में योगासन के साथ ये चार प्रतिस्पर्धा देश के खेल उत्साही दर्शक और युवाओं का अपनी ओर अधिक ध्यान आर्कषित करेंगे। आने वाले वर्षों में हम खेलो इंडिया गेम्स में और अधिक स्वदेशी खेलों को शामिल करने में सक्षम होंगे।
ये चार चयनित खेल देश के अलग-अलग हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कलारीपयट्टू की उत्पत्ति केरल में हुई है। इसे खेलने वाले पूरे विश्व में हैं। बॉलीवुड अभिनेता विद्युत जामवाल इनमें से एक हैं। मलखम्ब को मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में अच्छी तरह से जाना जाता है। महाराष्ट्र इस खेल का मुख्य केंद्र है। गतका खेल का संबंध पंजाब से है। यह निहंग सिख योद्धाओं की पारंपरिक लड़ाई शैली है। वे इसका उपयोग आत्म-रक्षा के साथ-साथ खेल के रूप में भी करते हैं। थांग-ता मणिपुर की एक मार्शल आर्ट है, जो पिछले कुछ दशकों के दौरान लुप्त होती जा रही है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 की मदद से इसे एक बार फिर राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि हमें यह जानकर खुशी हुई है कि खेल मंत्रालय ने भारतीय प्राचीन मार्शल आर्ट गतका को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया है। हमें विश्वास है कि खेलो इंडिया का यह प्रयास निश्चित तौर पर लुप्त होती जा रही एक ऐतिहासिक महत्व रखने वाली भारतीय पारंपरिक मार्शल आर्ट को बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त यह कदम देश के साथ-साथ विदेशों में जागरूकता पैदा करने के लिए नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रयासों को बढ़ावा देगा।
थांग-ता फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव विनोद शर्मा ने कहा कि इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के 400 से अधिक एथलीट हिस्सा लेंगे। हम लोग इस प्रतिस्पर्धा में बहुत सफल होना चाहते हैं। इससे खेल को राष्ट्रीय एवं अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक पहचान प्राप्त करने में मदद मिलेगी।