सारण। बिहार के सारण में भी सूखी मछलियों का कारोबार अब रफ्तार पकड़ने लगा है और यह कारोबार सैकड़ों परिवारों को रोजगार का मौका भी उपलब्ध करा रहा है। यहां की तैयार सूखी मछलियां बिहार, उत्तरप्रदेश व पश्चिम बंगाल राज्यों के विभिन्न बाजारों तक पहुंचायी जा रही हैं, जहां इसकी खूब मांग है।
एक तरफ मछली के इस कारोबार से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, तो वहीं दूसरी तरफ खरमास के प्रतिकूल मौसम में भी इस धंधे से जुड़े सैकड़ों परिवारों को जीविकोपार्जन का जरिया मिल गया है। सारण जिले के दिघवारा व सोनपुर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों बहुसंख्यक लोग सूखी मछली के कारोबार से जुड़े हुए हैं और सूखी मछलियां इन व्यापारियों के अर्थोपार्जन का माध्यम बनी हैं।
दिघवारा के निजामचक से लेकर सोनपुर के डुमरी बुजुर्ग, नयागांव व बाकरपुर तक निर्माणाधीन फोरलेन पर हर दिन सूखी मछली का कारोबार हो रहा है। निर्माणाधीन फोरलेन के दक्षिणी हिस्से पर कई किलोमीटर तक मछलियों को सुखाया जा रहा है और बाद में दूर-दराज के व्यापारी इन जगहों पर पहुंच कर मछलियों की खरीद कर इसे देश के विभिन्न हिस्सों में ले जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में इसकी खपत ज्यादा होने से इस राज्य में इसकी सप्लाइ ज्यादा मात्रा में हो रही है। पोठिया व अन्य छोटी मछलियों के सुखाने का काम ज्यादा हो रहा है। भंडारण के लिए किसी गोदाम की आवश्यकता नहीं है।
इस व्यापार में सोनपुर प्रखंड के नयागांव की रसूलपुर पंचायत के सैकड़ों लोग शामिल हैं, जिसमें मल्लाह जाति के लोगों का प्रतिशत भी काफी अधिक है। अन्य जाति के लोग भी इस धंधे से जुड़े हैं, जिनको सूखी मछली बेचने से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है।