303 सरकारी भवना में वाटर हार्वेस्टिंग का काम पूरा करने के निर्देश
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। प्रखंडों में जलस्रोत के रिचार्ज के लिए डोभा बनेगा। इसके निर्माण में जेसीबी के प्रयोग को बैन कर दिया गया है। तालाब व जलस्रोतों को रिचार्ज के लिए किये जाने वाले उपायों का एक सप्तागह में एक्शन प्लान भी बनाना है। उक्त निर्देश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की बैठक में अफसरों को दिये गये।
उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की बैठक हुई थी। इसमें सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने प्रखंडों में जलस्रोत के रिचार्ज के लिए डोभा निर्माण 15वें वित्त निधि से मनरेगा के अंतर्गत कराने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि डोभा निर्माण में किसी भी स्थिति में जेसीबी का प्रयोग नहीं किया जाय।
उपायुक्त ने कहा कि कहीं से मनरेगा योजना में जेसीबी उपयोग की जानकारी मिलने पर संबंधित प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, ग्राम रोजगार सेवक के साथ-साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी पर भी कार्रवाई होगी। जिन जलस्रोतों का पीएच मान कम है (औसत पीएच मान 6.5-8.5) है, उसका ट्रीटमेंट कराने की कार्ययोजना भी तैयार करें। नगर पर्षद क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में जिन जलस्रोतों का पानी गंदा हो रहा है, उससे गंदगी से बचाव के लिए उसमें प्रवेश करने वाले जल के फिल्टरेशन के लिए भी कार्य किया जाय।
उपायुक्त ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल द्वारा प्रत्येक प्रखंड के एक-एक राजस्व ग्राम से प्राप्त जलस्रोत के सैंपल की जांच के आधार पर पानी में सबंधित कमी को दूर किया जाय। नगर पर्षद को निर्देश दिया गया कि शहर में नालों के ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करें।
उप विकास आयुक्त ने बैठक में कहा कि तालाब/जलस्रोतों को रिचार्ज के लिए क्या-क्या उपाय किये जा सकते हैं, इसके लिए एक सप्ताह में एक्शन प्लान उपलब्ध करायें। बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। इसमें पेशरार के 64, किस्को के 56, कुडू के 47, कैरो के 26, भंडरा के 23, सेन्हा के 51 और लोहरदगा के 36 सरकारी भवन शामिल हैं।