रांची । अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर झारखंड डिसेबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन एवं गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी अरगोड़ा चौक के बीच 3 दिसंबर को एक मैत्री टी-20 मैच खेला गया। गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 विकेट खोकर 90 रन का स्कोर खड़ा किया। अंकित और आर्यन ने 17-17 रनों का योगदान दिया। निशांत कुमार उपाध्याय और वागीश त्रिपाठी ने तीन-तीन विकेट लिए। विशाल व विपुल को 2-2 विकेट मिला। जवाबी पारी खेलते हुए झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम ने 10 ओवर में 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। शैलेंद्र ने सर्वाधिक 36 और संजीत ने 24 रन बनाए। चंदन और अक्षय को 1-1 विकेट मिला।
मैन ऑफ द मैच निशांत उपाध्याय ने कहा कि कोविड-19 के कारण अभ्यास का सीमित अवसर मिला था। इस मैच में जीत दिव्यांगजनों में उत्साह का संचार करेगी। गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी के खिलाड़ियों ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने दिव्यांगजनों को बिल्कुल सामान्य तौर पर लिया था, जो उनके हार की प्रमुख वजह बनी। अकादमी के कोच रूपेश कश्यप ने कहा कि यह मैच टीम को सदा सीख देते रहेगी।
विजेता टीम को पुरस्कार वितरित करते हुए मुख्य अतिथि पुनर्वास विशेषज्ञ एवं राज्य सलाहकार समिति के सदस्य राहुल मेहता ने कहा कि दिव्यांगजनों के योग्यता की अनदेखी एक सामान्य मानसिकता है, जिसे आज खिलाड़ियों ने खंडित किया है। यह साबित कर दिया कि अगर उन्हें अवसर मिले तो वे भी बुलंदी छू सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि गीता कुजूर ने कहा कि आज दिव्यांगता नहीं, बल्कि योग्यता देखने की जरूरत है। मैच के आयोजक एवं डीसीसीबीआई के अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी मुकेश कंचन ने कहा कि दिव्यांगजन बचपन से ही चुनौती और दबाव का सामना करते रहे हैं। इसका लाभ उन्हें मैच में मिलता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज भी दिव्यांगजनों के प्रति आने वाले समय में ज्यादा सकारात्मक रुख अपनाएगा।