नये साल में मजदूर-किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन करेगा सीटू

झारखंड
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  • झारखंड राज्‍य कमेटी की बैठक में हुआ न‍िर्णय

रांची। मजदूर-किसानों की मांगों को लेकर नये साल में सीटू जुझारू आंदोलन करेगा। झारखंड में इस कार्यक्रम के तहत 30 और 31 दिसंबर को कार्य स्थलों (वर्क प्लेस) पर सभा और 7 एवं 8 जनवरी को जन सत्याग्रह कर गिरफ्तारी दी जायेगी। संघर्ष के अगले चरण में राज्य के पांच प्रमंडलों मे मजदूर-किसान संघर्ष जत्था निकाला जायेगा। यह सभी जत्थे 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन राजधानी रांची पहुंचेंगे। राजभवन के समक्ष 23 से 25 जनवरी तक मजदूर-किसानों का रात-दिन (डे-नाइट) का संयुक्त महापड़ाव होगा।

यह निर्णय 29 दिसंबर को सीटू झारखंड राज्य कमेटी की हुई ऑनलाइन बैठक में लिया गया। इसमें सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन ने कहा कि सीटू देश में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार की राष्ट्र विरोधी, विनाशकारी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलनो की निरंतर श्रृंखला का दायरा बढ़ायेगा। क्योंकि देश के मेहनतकशों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसे दबाने के लिए यह सरकार झूठ और फरेब का इस्तेमाल कर भ्रम फैलाने का हथकंडा अपना रही है। इसलिए जरूरी है कि इस गहराते संकट से निपटने के लिए हमें अपनी गतिविधियों और पहल कदमी को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए आम जनता के बीच सघन और व्यापक अभियान को और तेज करना होगा।

इन सूत्री मांगों पर मेहनतकशों को किया जाएगा गोलबंद

सभी 4 लेबर कोड निरस्त करो

किसान और कृषि विरोधी 3 कृषि कानून रद्द करो

बिजली संशोधन विधेयक 2020 वापस लो

निजीकरण पर रोक लगाओ

आयकर के दायरे से बाहर सभी परिवारों के बैंक खाते मे प्रत्येक महीने 7500 रुपये नकद ट्रांसफर करो

सभी जरूरतमंदों को प्रत्येक माह प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम अनाज दिया जाना सुनिश्चित करो

मनरेगा में 200 दिनों के काम की गारंटी करते हुए 700 रुपये प्रतिदन मजदूरी का भुगतान करो। शहरी क्षेत्र में निश्चित रोजगार गारंटी योजना के रूप में विस्तार करो

नयी पेंशन योजना को निरस्त कर पुरानी पेंशन योजना  को लागू करो

सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करो

सभी के लिए नि:शुल्क सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा और देखभाल की गारंटी करो