- प्रथम राष्ट्रपति और कृषि मंत्री के जन्म दिवस पर देश के कृषि विश्वविद्यालयों में मनाया जाएगा कृषि शिक्षा दिवस
रांची । कृषि एवं कृषक मंत्रालय, भारत सरकार की पहल पर पूरे देश के कृषि विश्वविद्यालयों में 3 अक्टूबर (गुरुवार) को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस मनाया जाएगा। राज्य के एकमात्र कृषि शिक्षा संस्थान बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में भी वर्तमान परिवेश में स्कूली छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से सफल कृषि उद्यमी द्वारा कृषि और सबंधित विज्ञान के विषयों के प्रति प्रेरणादायक वार्ता, प्रसिद्ध व्यक्तित्व के उपलब्धियों की जानकारी साझा करने के उद्देश्य से वेबिनार, वाद–विवाद एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
राज्य में कृषि शिक्षा क्षेत्र की जानकारी डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 से कार्यरत बिरसा कृषि विश्वविद्यालय वर्तमान के कृषि, पशु चिकित्सा, वानिकी, उद्यान, कृषि अभियांत्रिकी, मात्स्यिकी विज्ञान, दुग्ध प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विषयों के कुल 11 महाविद्यालयों के माध्यम से बढ़ावा दे रहा है। इस तकनीकी विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रतिवर्ष करीब 600 छात्रों का नामांकन होता है।
नवनियुक्त कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने लॉकडाउन में सत्र को नियमित करने की पहल की है। कोरोनाकाल में कृषि, पशु चिकित्सा और वानिकी विषय के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के तहत अंतिम वर्ष के छात्रों का ऑनलाइन एग्जाम और रावे व इंटर्नशिप को पूरा किया गया। विश्वविद्यालय ने छात्रों को जून एवं अक्टूबर माह में ससमय डिग्री प्रदान की।
लॉकडाउन में कृषि संकाय के दो सेमेस्टर के सभी विषयों के पाठ्यक्रम आधारित लेक्चर का वीडियो रिकॉर्डिंग किया गया। अबतक कुल 170 वीडियो लेक्चर को यूट्यूब पर अपलोड किया जा चुका है। यूट्यूब के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। संकाय के तीसरे सेमेस्टर से सबंधित पाठ्यक्रमों के वीडियो लेक्चर की रिकॉर्डिंग हो रही है। संकाय के अधीन संचालित 6 महाविद्यालयों में से 4 कृषि महाविद्यालय और एक–एक उद्यान एवं कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की मिडटर्म ऑनलाइन इंटरनल एग्जाम को पूरा कर लिया गया है।
कुलपति के निर्देश पर ऑनलाइन एक्सटर्नल एग्जाम लिया जा रहा है। पहला, दूसरा एवं पांचवे सेमेस्टर के 30 पेपर्स में से 18 पेपर्स का एग्जाम लिया जा चुका है। 50 अंको के इस एग्जाम में कुल 210 छात्र –छात्राएं ऑनलाइन माध्यम से शामिल हो रहे है। ग्रामीण परिवेश के छात्रों को नेटवर्क की समस्या होने पर उन्हें रियायत दी जा रही है। 9 वें सेमेस्टर के छात्रों का बैकलॉग एग्जाम की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है। बैकलॉग छात्रों को डिग्री जल्द दे दी जाएगी।
इस वर्ष विश्वविद्यालय में कृषि के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में पहली बार 4 कृषि महाविद्यालयों के 207 छात्रों ने 8वें सेमेस्टर में प्रवेश किया है। लॉकडाउन की वजह से सभी छात्र अपने घरों में है, जबकि इस सेमेस्टर में छात्रों को ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम (रावे) में शामिल होना होता है। इस स्टूडेंट रेडी प्रोग्राम में कृषि स्नातक छात्रों कोशैक्षणिक अध्ययन के दौरान हूनरमंद बनाते हुए रोजगार के अनुकूल ट्रेनिंग और कृषि ज्ञान आधारित कृषि उद्यमियों का विकास किया जाता है।
इस वर्ष कृषि शिक्षा में अध्ययनरत 221 छात्र –छात्राओं ने अंतिम वर्ष के 7वें सेमेस्टर में प्रवेश किया है। इन छात्रों को ग्रामीण कृषि कार्यानुभव पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन ओरिएंटेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से शस्य, कीट, पौधा रोग, मृदा विज्ञान, उद्यान और कृषि प्रसार शिक्षा विभागों के शिक्षक, छात्रों को प्रशिक्षित कर रहे है। कांके (रांची), गोड्डा, देवघर और गढ़वा स्थित कृषि कॉलेज के छात्रों को 7वें एवं 8वें सेमेस्टर में रेडी प्रोग्राम के तहत फील्ड एक्सपीरियंस हासिल करना है।
इंटर्नशिप के समान इस ग्रामीण कृषि कार्यानुभव (रावे) में छात्रों को इन प्लांट ट्रेनिंग, एक्स्पेरिंसियल लर्निंग ट्रेनिंग एवं प्रोजेक्ट रिपोर्ट निर्माण आदि गतिविधियों में शामिल होना है। लॉकडाउन में छात्रों को निकटतम ग्रामीण परिवेश में ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव में भाग लेने का निर्देश दिया गया है। छात्रों को कृषि मित्र,पंचायत सेवक, पंचायत मुखिया, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक आदि के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से अनुभव बांटना है। कम लागत, बिना लागत एवं स्थानीय देशज तकनीकों को चिन्हित करना है।
लॉकडाउन में फॉरेस्ट्री कॉलेज में अध्ययनरत बीएससी (प्रतिष्ठा) फॉरेस्ट्री के 110 छात्रों ने ऑनलाइन मिड टर्म परीक्षा में भाग लिया। वस्तुनिष्ठ मॉडल प्रश्न के माध्यम से 22 पेपर्स का एग्जाम लिया गया। कॉलेज के पीजी एवं पीएचडी छात्रों का भी ऑनलाइन परीक्षा ली गई।
रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय ने अक्टूबर में 2015-16 बैच के 28 छात्र-छात्राओं को पशुपालन प्रबंधन और पशु चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में कर्तव्य निर्वहन की शपथ दिलाई। इनमें 19 छात्र झारखंड और 9 छात्र अन्य राज्यों से है। सभी छात्रों को डिग्री दे दी गयी है।
लॉकडाउन में तीनों संकायों में पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी वायवा (अंतरवीक्षा) का ऑनलाइन वर्चुअल मोड में कराया गया। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश की करीब 70 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार कृषि है। बढ़ती आबादी की खाद्यान जरूरतों को पूरा करना बड़ी चुनौती है। कृषि शिक्षा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। कृषि तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देकर ही खुशहाल देश, राज्य एवं समाज का निर्माण संभव है।