कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में बीएयू को मिला 60वां स्थान

झारखंड शिक्षा
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रांची । कृषि विश्वविद्यालयों की आखिल भारतीय स्तर की रैंकिंग में पहली बार झारखंड के एकमात्र कृषि शिक्षा संस्थान बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) को 60वां स्‍थान मिला है। नई दिल्‍ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) ने वर्ष 2019 के लिए शनिवार को रैंकिंग जारी की। आइसीएआर चार वर्षो से कृषि शिक्षा,अनुसंधान एवं विस्तार के मानकों पर आधारित आखिल भारतीय स्तर पर कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी कर रहा है। पिछले वर्ष तकनीकी कारणों से बीएयू इस स्पर्धा में शामिल नहीं हो सका था।

नवनियुक्त कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने प्रभार लेते ही इस दिशा में गंभीर प्रयास किये। उनके प्रयासों ने बीएयू को राष्ट्रीय पटल पर नई पहचान दे दी है। पूरे देश में उच्च कृषि शिक्षा के क्षेत्र में 64 राज्य कृषि विश्वविद्यालय, 3 केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और 4 डीम्ड कृषि विश्वविद्यालय संचालित है। अनेकों कठिनाईयों से जूझ रहे विश्वविद्यालय के लिए यह रैंकिंग संजीवनी की तरह है। इससे विश्ववद्यालय कर्मियों में खुशी देखी जा रही है।

बीएयू कुलपति ने बताया कि स्वीकृत पदों के विरूद्ध नियमित रूप से कार्यरत 15 प्रतिशत प्राध्यापक व वैज्ञानिक और 10 प्रतिशत कर्मचारियों के बावजूद 60वां रैंक मिलना बड़ी सफलता है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में नियमित प्राध्यापक, वैज्ञानिक एवं कर्मचारी का होना पहली प्राथमिकता है। सरकार के सहयोग से इस दिशा में प्रयास किये जा रहे है।

कुलपति ने कहा कि नियमित प्राध्यापक और वैज्ञानिकों की कमी की वजह से बीएयू को बढ़िया रैंकिंग नहीं मिल पायी। प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक पर अत्यधिक कार्यभार से गुणवत्ता को बनाये रखना बड़ी चुनौती साबित हो रही है। विश्वविद्यालय में एक को छोड़ सभी डीन, डायरेक्टर, एसोसिएट डीन आदि वरीय अधिकारियों के पद प्रभार में चल रहे है। अनुबंध पर नियुक्त प्राध्यापक और वैज्ञानिक से इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।

बेहतर रैंकिंग के लिए नियमित नियुक्ति, संकाय सदस्यों की पीएचडी अहर्ता, इंटरनेशनल जर्नल में शोध पत्रों का प्रकाशन, इंटरनेशनल प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन, नेशनल अवार्ड, तकनीकों का पेटेंट, छात्रों का राष्ट्रीय स्तर पर जेआरएफ, एसआरएफ एवं एआरएस एग्जाम में सफलता, छात्रों का प्लेसमेंट, विदेशी छात्रों का नामांकन, राष्ट्रीय खेलकूद में सफलता के लिए प्रयास शुरू किये जा रहे है। आने वाले वर्षो में 20 रैंक सुधार के लिए रणनीति पर अमल करने का प्रयास होगा।

रैंकिंग के लिए संकलन एवं प्रेषण में तीनों संकाय के डीन, डायरेक्टर, कुलसचिव के आलावा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ एमएस मल्लिक, डॉ बीके अग्रवाल और डॉ पीके सिंह का विशेष सहयोग रहा है। कुलपति ने इस सफलता के लिए सभी विश्वविद्यालय कर्मियों को बधाई दी है।