अमेरिका। अमेरिका चांद पर पूरी कालोनी बसाने जा रहा है। इस योजना पर उसने काम करना शुरू कर दिया है। इसके मद्देनजर चांद पर अपना न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने जा रहा है। यह काम उसने 7 सालों में करने का लक्ष्यि रखा है। इससे कई देश परेशान हैं।
जानकारी के मुताबिक अमेरिका आर्टमिस फेज 1 प्रोजेक्ट के जरिए चांद पर न्यूक्लियर रिएक्टर बनाएगा। उर्जा की जरूरतों को पूरा करेगा। यह काम महज 7 सालों में पूरा करेगा। इस खबर के बाद चीन और रूस की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि लूनर न्यूक्लियर रिएक्टर लगाकर अमेरिका चांद पर पूरी कालोनी बसाने जा रहा है।
इस कदम से ऑउटर स्पेस में रहने की इंसान की पुरानी हसरत अब पूरी होगी। इस मिशन में चांद पर न्यूक्लिएर रिएक्टर को लगाकर वहां उर्जा पैदा की जाएगी। एक बार उर्जा मिलने लगी तो वहां पूरी कॉलोनी बसाई जाएगी, जो स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में काम करेगी। जानकारों का कहना है कि ये कदम चांद पर अमेरिका का कब्जा जमाने से कम नहीं है। इस प्रयोग के सफल होने के बाद अमेरिका चांद पर 4 और रिएक्टर भेजेगा।
ये 4 रिएक्टर इतनी एनर्जी जनरेट करेंगे कि चांद पर अच्छी खासी ह्यूमन आउट पोस्ट की सारी जरुरत पूरी होगी। ये प्लांट अगले 12 सालों तक काम करेगा। धरती से मंगल पर जाने के लिए सबसे ज्यादा उर्जा हमारे ग्रेविटी से बाहर निकलने में खर्च होती है। ऐसे में चांद से किसी भी स्पेस मिशन को अंजाम देना बेहद आसान और कम खर्चीला होगा।
ऑउटर स्पेश में ना तो विंड पावर है, ना हाइड्रो पावर और ना ही सोलर एनर्जी को बनाना आसान है. ऐसे में न्यूक्लियर एनर्जी की एकमात्र विकल्प है। हालांकि इस मिशन की सबसे बड़ी चुनौती न्यूक्लियर प्लांट की सुरक्षा रहेगी, क्योंकि चांद का वातावरण बहुत खतरनाक है। वहां एस्ट्राइड के टकराने से लेकर और कई तरह के खतरे मौजूद हैं।