वन अधिकार पट्टा के हितग्राही के चयन में मौखिक साक्ष्य को भी मानें आधार

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। प्रत्येक पात्र हितग्राही को वन अधिकार पट्टा दिया जाना है। इसके आलोक में सोमवार को एसडीओ की अध्यक्षता में सेन्हा अंचल सभागार में वन समिति की बैठक हुई। बैठक में एसडीओ ने वन अधिकार पट्टे के लिए हितग्राही चयन के संबंध में चर्चा की। उन्‍होंने बताया कि वन अधिकार मान्यता अधिनियम के अनुसार वन अधिकार पट्टा के लिए वे हितग्राही पात्र होंगे, जो 13 दिसंबर 2005 से पहले से या जिनकी तीन पीढ़ी का कब्जा वन भूमि पर रह हो।

एसडीओ ने कहा कि इसके लिए जातिबंधन नहीं है। हितग्राही किसी भी जाति का हो सकता है। जिनका पूरा जीविकोपार्जन वन पर आधारित हो, उनको वन अधिकार पट्टा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को वन अधिकार पट्टा प्राथमिकता के साथ प्रदान करें। ऐसे हितग्राहियों को ग्राम स्तरीय समिति की बैठक में सत्यापन कराकर अभियान से लाभांवित किया जाए।

एसडीओ ने हिदायत देते हुए कहा कि वन अधिकार पट्टा के लिए हितग्राही चयन और सत्यापन में किसी प्रकार की शिकायते नहीं मिलना चाहिए। पात्र हितग्राहियों को आवश्यक दस्तावेज के लिए परेशान नहीं किया जाए। ग्राम स्तरीय बैठक में बड़े, बुजुर्ग और गण्‍यमान की जानकारी और मौखिक साक्ष्य को भी आधार मानकर हितग्राहियों का चयन किया जाए। उक्त कार्य को समय सीमा में करें। इससे संबंधित अधिकारियों को समय से पट्टा मिल सके। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार चोपड़ा, अंचलाधिकारी हरिश्चंद्र मुंडा, वनरक्षी नंदकिशोर कुमार सहित वन समिति के सदस्‍य मौजूद थे।