आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा । भले ही आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। इसके बाद भी अज्ञानता, अंधविश्वास में पड़कर लोग किसी अमानवीय घटना को अंजाम देने से नहीं चूक रहे हैं। कम पढ़े लिखे लोग किसी के बहकावे में आकर हत्या जैसे अपराध को भी अंजाम दे रहे हैं। अपनी बेटी तक को मौत के घाट उतार दे रहे हैं।
ऐसी ही एक घटना जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती बोन्डोवार में घटी। बताया जाता है कि बोन्डोवार अत्यंत ही सुदूरवर्ती पठारी एवं एकांत जंगल में सुमन नागेशिया का मकान है। उसके आसपास कोई दूसरा मकान नहीं है। नगेसिया चार भाई है। यह दूसरे नंबर का भाई है। उसके पिता का देहांत हो चुका है। भाइयों से भी यह अलग रहता है। जानकारी के मुताबिक उसकी मां के नाम पर राशन कार्ड है। सरकारी राशन को लेकर भाइयों के बीच आपसी मतभेद रहता है। उसके घर तक पहुंच पथ नहीं है। जिस घर में उसने अपनी बच्ची की हत्या की, वहां सिर्फ सुमन नगेसिया, उसकी पत्नी और बच्ची रहते हैं।
बेटे की चाहत में वह अपनी पत्नी का झाड़-फूंक, जड़ी-बूटी से इलाज करा रहा था। इसी बीच वह किसी ओझा गुणी के चक्कर में पड़ गया। अमावस्या के दिन का इंतजार करते हुए 11 नवंबर को अपनी बच्ची को घर में अकेला देख टांगी से मौत के घाट उतार दिया। बच्ची की मां किसी के खेत में काम करने गई थी। किसी से उसे सूचना मिला कि उसके घर में कुछ हुआ है। आनन फानन में वह घर पहुंची। यहां आकर देखा तो उसकी बेटी खून से लहूलुहान जमीन पर बेजान पड़ी थी। पति हाथ में टांगी लेकर उसके बगल में चुपचाप बैठा था।
इस मामले पर सुमन की पत्नी ने बताया उसने बच्ची को क्यों मारा, इसका नहीं पता, लेकिन वह अक्सर गुस्से में रहता था। घटना की जानकारी तत्काल थाना प्रभारी को दी गयी। दूसरे दिन ही हत्यारे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी हरिओम करमाली ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। ओझा भगत को भी नहीं बख्शा जाएगा।