रांची । मसालों के बिना रसोई अधूरी है। सब्जी हो या कुछ और, मसालों के संगम के बिना उसमें जायके की उम्मीद बेमानी है। झारखंड में विभिन्न मसाले, फलों और औषधियों की खेती की व्यापक संभावना है। यह स्थिति सब्जी के जायके को बढ़ाने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
रांची का एक युवक इसे बढ़ावा देने की कोशिश में जुटा है। हर एक मसाले में कोई न कोई औषधीय गुण भी जरूर होता है। यही नहीं, मसालों की खेती किसानों की आर्थिक स्थिति के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकता है। रांची के नर्सरी संचालक सुभाष बताते हैं कि झारखंड की मिट्टी और जलवायु मसालों की खेती के लिए काफी उपयुक्त है।
यही नहीं, सुभाष झारखंड मे ऐसे फलों के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहते हैं, जो अमूमन यहां नहीं उपजते। वे ऐसे फलदार पेड़ों के पौधे दूसरे राज्यों से मंगाकर लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं।
सुभाष के पास बहुतायत में औषधीय पौधे भी हैं। प्रायोगिक तौर पर बड़ी संख्या में लोग मसाले, फलों और औषधीय पौधों को यहां से ले जाकर अपने बगीचे को समृद्ध बना रहे हैं। अब इनके पौधों के साथ सुभाष के अनुभव का लाभ भी आसानी से मिलने लगा है, तो लोग भी इसका लाभ उठाने आगे आने लगे हैं।