लातेहार । महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के कोलगर गांव निवासी मीठा बाई बाबूराव कुभंफले को महीनों बाद उसके परिजन मिल सके। मीठा बाई को उसका बेटा पांडुरंग बाबूराव कुभफले महाराष्ट्र से लेने पहुंचा था। यह सब हो सका उपायुक्त अबु इमरान के सार्थक पहल के कारण।
क्या है मामला
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के कोलगर गांव निवासी मीठा बाई बाबूराव कुंभफले लॉकडाउन में मार्च में भूल से प्रवासी श्रमिक के साथ उसे बिहार के औरंगाबांद जिला भेज दिया गया। वहां से वह लातेहार के बालूमाथ पहुंच गई, जहां उसे क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। मीठा बाई हिंदी भाषा का ज्ञान नहीं था, जिसके कारण वह कुछ बता नहीं पा रही थी। क्वारंटाइन सेंटर बंद होने के बाद उसे गुरूकुल में रख दिया गया।
उपायुक्त ने पहल की
उपायुक्त अबु इमरान की पदस्थापना होने के बाद इसकी जानकारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रीति सिन्हा ने उन्हें दी। इसके बाद उपायुक्त ने मीठा बाई को उसके परिजनों से मिलाने के लिए प्रयास आरंभ किया। महाराष्ट्र में अपने मित्र समीर वाखेड़े से इसकी जानकारी दी। एक एनजीओ के माध्यम से मीठा बाई के घर की जानकारी मिली। इसके बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के कलक्टर से संपर्क स्थापित किया। इसकी जानकारी देते हुए मीठा बाई के घर तक इसकी सूचना पहुंचाने उसके परिजनों को लातेहार भेजने का आग्रह किया। सूचना मिलने के बाद मीठा बाई को लाने के लिए उसके बेटे पांडुरंग बाबूराव कुभफले, संरपंच परमेश्वर तुपे और चैकीदार अनिल बाउरे लातेहार पहुंचे। रविवार को परिसदन में उपायुक्त अबु इमरान ने मीठा बाई को उसके पुत्र पांडुरंग बाबूराव कुभफले को सौंप दिया।
बेटे को देख आंख से छलके आंसू
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिला निवासी मीठा बाई बाबूराव कुभफले महीनों बाद अपने बेटे पांडुरंग बाबूराव कुभफले को देखा तो उसके आंख से आंसू निकल गए। वही उसका बेटा भी अपनी आंसू को नहीं रोक सका। दोनों गले मील कर पूरी तरह से भावुक हो गए।
अंजुमन इस्लामिया कमेटी का सहयोग
मुंबई के अंजुम इस्लामिया कमेटी के आजम ने भी मीठा बाई को उसके परिजनों से मिलाने में सहयोग किया। कमेटी के आजम ने समन्वय स्थापित कराया। उसके बेटे को लातेहार भेजने में सहयोग प्रदान किया।
परिजनों ने जिला प्रशासन की प्रशंसा
महीनों बाद अपनी मां को पाकर उसका बेटा पांडुरंग बाबूराव कुभफले की आंखों में खुशी का ठिकना नहीं था। पांडुरंग ने उपायुक्त अबु इमरान समेत पूरे जिला प्रशासन की प्रशंसा की। कहा कि उपायुक्त की सार्थक पहल के कारण ही आज वह अपनी मां से मिल सका है।
उपहार देकर विदाई दी
लॉकडाउन में भटक कर लातेहार पहुंची मीठा बाई को उपहार देकर विदाई दी गई। उसके बेटे और गांव के सरपंच को उपायुक्त ने मीठा बाई को सौंपा। उपहार देकर उसे विदाई दी। इस दौरान उपायुक्त द्वारा मीठा बाई के परिजनों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया गया।