रांची । वामदलों ने 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल और 27 नवंबर को किसानों की जन कार्रवाई का सर्मथन किया है। यह निर्णय मंगलवार को वामदलों की रांची में हुई बैठक में लिया गया। इसकी जानकारी भाकपा के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने प्रेस को दी।
नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार देश की संपदा और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेच रही है। राष्ट्रीयकृत बैंकों को विखंडित कर उसे अपने चहेतों के हवाले कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भारतीय जीवन बीमा निगम को समाप्त करने की साजिश रच रही है। रक्षा, रेलवे, कोयला, पेट्रोलियम, इस्पात, भारी अभियंत्रण, खनन, नेशनल हाइवे, दूरसंचार हवाई अड्डा, बंदरगाह समेत तमाम रणनीतिक उद्यम, उद्योग, संस्थानों को देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हाथों कौड़ी के मोल पर उन्हें सौंपे जाने की राष्ट्र विरोधी कार्रवाई कर रही है। इसे देश का मजदूर वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा।
नेताओं ने कहा कि देश का मजदूर वर्ग राष्ट्रीय संपदा की लूट के खिलाफ और भारत के आत्मसम्मान एवं आर्थिक संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है। वामदल मजदूर वर्ग के इस संघर्ष के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए संयुक्त ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आयोजित 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल और 27 नवंबर को किसानों की देशव्यापी जन कार्रवाइयों का समर्थन करते हैं।
वामदलों ने झारखंड के मजदूर वर्ग समेत सभी देशभक्त शक्तियों से इस लड़ाई के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का आह्वान किया। वामदलों की बैठक की अध्यक्षता भाकपा के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने की। बैठक मे माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव, विरेंद्र कुमार, भाकपा के सहायक सचिव महेंद्र पाठक, बीएन ओहदार, शशि कुमार, अजय सिंह, इंद्रमनी देवी, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट मौजूद थे। मासस के राज्य सचिव आनंद महतो ने वामदलों के फैसले से सहमति व्यक्त की।