एक न्यूज आर्टिकल में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने ढाई लाख से अधिक अखबारों का टाईटल निरस्त कर दिया है। साथ ही, सैंकड़ों अखबारों को डीएवीपी की सूची से बाहर कर दिया है।
PIB Fact Check में यह दावा फर्जी पाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।