राज्‍य के स्‍थापना दिवस पर झारखंड आंदोलनकारियों ने किया उपवास

झारखंड
Spread the love

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा । राज्‍य के स्‍थापना दिवस पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर एक दिवसीय उपवास सह सामूहिक माल्यार्पण कार्यक्रम किया गया। यह कार्यक्रम शंख नदी तट पर स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समीप किया गया। इसके माध्‍यम से झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, पेंशन और राजकीय सुविधाओं की मांग की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व संरक्षक प्रो विनोद भगत, जिला अध्यक्ष अश्विनी कुजूर, सचिव शाहिद अहमद, भोला भगत, जगदीश उरांव, राजू गुप्ता, कयूम खान, नागेंद्र, राजेंद्र तिर्की, दीपक वर्मा, रामानंद साहु, बिरूआ उरांव, हीरामनी कुमारी, अमर किंडो, शिवराज टाना भगत, सूरज मोहन, रूस्तम खान, लालदेव टाना भगत, सैयद सलीम आदि ने किया। कार्यक्रम में मौजूद सभी आंदोलनकारी अपने-अपने हाथों में मांगों से संबंधित पोस्टर लेकर नारे लगाए।

आंदोलनकारियों को सम्‍मान नहीं मिला

मौके पर संरक्षक प्रो विनोद भगत ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुए 20 वर्ष हो गये। इतना समय गुजर जाने के बावजूद झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान एवं अधिकार नहीं मिला है। अध्यक्ष अश्विनी कुजूर ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को यह बताया गया कि जिन आंदोलनकारियों ने संघर्ष और कुर्बानियों से अलग राज्य बनाने में सब कुछ न्योछावर कर डाले, उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उचित सम्मान, पेंशन, मेडिकल सुविधा, परिवार के सदस्यों को नौकरी, विकास कार्यों में भागीदारी के साथ सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाए।

दिवंगत आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि

मौके पर दिवंगत आंदोलनकारी तलत महमूद, सुका टाना भगत आदि के आकस्मिक निधन पर एक शोकसभा आयोजित की गई। शोकसभा में दो मिनट का मौन के साथ दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। मौके पर उपस्थित झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व मंत्री सधनु भगत सहित अन्य वक्ताओं ने इसे झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उनके परिवार को सम्मान, नौकरी और आर्थिक सहयोग देने की मांग बुलंद किया। मौके पर बड़ी संख्या में महिला-पुरूष मौजूद थे।