आज की तस्वीर
“नजर-नजर की बात है, चाहो तो बस एक सब्जी समझो। चाहो तो खोजो मुझमें रचनात्मकता। देखो मुझको गौर से, दिखता है मुझमे कौन-कौन। क्या मुझमें चूहा दिखता या फिर चिड़िया का अक्स झलकता।” प्रकृति की रचनात्मकता को देखने का अलग है नजरिया। सौजन्य : कृतिका सुमन
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