Rabies : पागल जानवरों के काटने से होने वाली एक जानलेवा बीमारी

डॉ सुशील प्रसाद रैबीज एक विषाणुजनित संक्रामक बीमारी है। यह वायरस संक्रमित पशुओं के काटने और खरोंचने से मनुष्यों में फैलता है। यह एक जानलेवा रोग है। इसकी रोकथाम के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रैबीज दिवस मनाया जाता है। रैबीज की रोकथाम की नींव फ्रांस के प्रसिद्ध जीव […]

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किशोरावस्था में सही पोषण बहुत जरूरी

गजाला मतीन किशोरावस्था उम्र एक ऐसा दौर है, जिसमें शारिरिक एवं मानसिक विकास सबसे अधिक होता है। सही पोषण इस उम्र में बहुत जरूरी होता है। किशोररावस्था की लड़कियों के लिए सही पोषण इस समय महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि आगे मातृत्व जीवन में सही पोषण रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती है। सही पोषण की […]

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झारखंडी सांस्कृतिक आंदोलन के अगुवा थे ईश्वरी प्रसाद

सुजीत कुमार केशरी समाज, राज्य और देश की सेवा करने वाले कालजयी होते हैं। उन्हें ना तो काल अपने समय में बांध पाता है और ना तो भौगोलिक सीमाओं में वे सिमटते हैं। ऐसे लोग दैहिक रूप से हमारे बीच नहीं रहते हैं, लेकिन अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। ऐसे […]

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इन प्रयासों से श्रमिकों को मिला है एक सुरक्षा कवच

प्रो केवी सुब्रमण्यम प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसे अनेक प्रयासों ने श्रमिकों को एक तरह का सुरक्षा कवच दिया है। ऐसी योजनाओं की वजह से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के मन में ये भाव जगा है कि देश उनके श्रम का भी उतना ही सम्मान करता […]

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भारत के पहले इस्पात संयंत्र के वास्तुकार थे फौलादी पुरुष सर दोराबजी टाटा

जमशेदपुर। सर दोराबजी टाटा का कहना था, ‘भाग्य ने मुझे देश की सेवा की उनकी (जमशेतजी की) अमूल्य विरासत को पूरा करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया।‘ सर दोराबजी टाटा जमशेदजी नसरवानजी टाटा और हीराबाई टाटा के बड़े बेटे थे।  उनका जन्म 27 अगस्त, 1859 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। सर […]

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इस वजह से लुप्तप्राय होते जा रहे हाथियों का संरक्षण जरूरी

हाथी दिवस-2022 पर विशेष मुकेश कुमार कहावत है कि हाथी कभी नहीं भूलते, ऐसा शायद उनकी दिमाग की बड़ी संरचना के कारण होता है। यही उन्हें कमाल का स्मृति कौशल देता है। हाथी दिवस हर साल 12 अगस्त को पूरे विश्व भर में वर्ष, 2012 से ही मनाया जाता है। हाथी भू पर पाया जाने […]

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महिला अधिकारों पर पश्चिम देशों को भारत दिखा रहा आगे की राह

स्मृति इरानी पश्चिमी देशों में गर्भपात पर लगभग पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ सोशल मीडिया और सड़कों पर चिंतित करने वाले विरोध प्रदर्शनों व हंगामे के बीच, गर्भावस्था की समाप्ति पर भारत का उदार रुख बहुत सुकून देने वाले देश के रूप में है। व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक और शादी के लिए पुरुषों और महिलाओं की […]

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गेम चेंजर के रूप में एनईपी : ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के लिए तैयारी

धर्मेंद्र प्रधान जब 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की शुरुआत की गई थी, तब हमारी सबसे बड़ी चुनौती देश के सुदूर क्षेत्र में रहने वाली अंतिम महिला तक एलपीजी सिलेंडर के साथ पहुंचना था। एक समर्पित कार्यबल और मज़बूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ, पीएमयूवाई की सफलता तथा सबसे […]

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सेवा, सुशासन और सशक्त नेतृत्व के आठ साल

जी किशन रेड्डी निस्संदेह जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली, तब देश घोर निराशा के वातावरण से गुजर रहा था। भ्रष्टाचार चरम पर था। हर दिन कोई एक नया घोटाला सामने आता था। सामान्य जनमानस के मन में था कि अब इस देश का कुछ नहीं हो सकता। ऐसे में वर्ष 2014 […]

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शांति और सहिष्णुता के पर्याय महात्मा बुद्ध

जी किशन रेड्डी गौतम बुद्ध किस महापुरुष का नाम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ। उनको ज्ञान बोध भी पूर्णिमा के दिन हुआ और उनका महापरिनिर्वाण भी पूर्णिमा के ही दिन हुआ। ऐसा अद्भुत संयोग किसी महामानव के ही जीवन में आता है। भारत […]

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