- जैव विविधता प्रबंधन समिति का प्रशिक्षण का हुआ समापन
गिरिडीह। पंचायती राज विभाग के तत्वावधान में जमुआ प्रखंड सभागार में बुधवार से चल रहे जैव विविधता प्रबंधन समिति के सदस्यों का उन्मुखीकरण सह सशक्तिकरण प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को हुआ। प्रतिदिन 14 जैव विविधता प्रबंधन समिति सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया।
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशानिर्देश पर ग्रामीण विकास आश्रम देवघर ने 2018 में गिरिडीह जिले की सभी पंचायतों में मुखिया की अध्यक्षता में ग्राम सभा में गाइडलाइन के तहत सात सदस्यीय जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन किया। एक अध्यक्ष और एक सचिव का चयन किया गया था। यह वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अस्तित्व में नहीं आ पाया था।
पंचायती राज विभाग के प्रशिक्षक प्रदीप कुमार चंद्रवंशी, पंकज ठाकुर ने प्रशिक्षण के लक्ष्य, उद्देश्य, विभिन्न कार्यक्रम सहित जैव विविधता प्रबंधन, रिकॉर्ड संधारण, संचालन की विस्तृत जानकारी दी। बीएमसी अध्यक्ष, सचिव, सदस्यों को कार्य दायित्व, अधिकार का बोध कराया।
प्रशिक्षक कहा कि बीएमसी का एक कार्यालय पंचायत सचिवालय में क्रियाशील होगा। पंचायत में जैव, प्राकृतिक संसाधन, संपदा का संरक्षण करना है। बैंक में खाता खुलेगा, जिसका संयुक्त रूप से संचालन अध्यक्ष, वनरक्षी करेंगे। अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। समिति को महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान किया गया है।
बीएमसी प्रखंड अध्यक्ष सचिव योगेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि भौतिकतावादी युग में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, कृत्रिक संसधानों का दुरुपयोग के कारण वातावरण प्रदूषित हुआ है। जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में है। जल वन से जीवन सुरक्षित है।
प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी राम शरण यादव, प्रखंड समन्वयक नीरज कुमार वर्मा ने भी आवश्यक जानकारी दी। प्रशिक्षण में वनपाल, वनरक्षी, 42 पंचायत के जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य, मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव आदि मौजूद थे।