रांची। विश्व अल्जाइमर माह हर साल सितंबर में विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस वर्ष इस अवसर पर रांची स्थित केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान ने 30 सितंबर, 2022 को संस्थान परिसर में अल्जाइमर रोग पर एक सीएमई का आयोजन किया।
संस्थान के निदेशक प्रो बासुदेब दास ने मनोभ्रंश के बारे में एक अंतर्दृष्टिपूर्ण अभिविन्यास प्रदान किया। शीघ्र निदान और उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया। अल्जाइमर रोग में 90% से अधिक के आश्चर्यजनक उपचार अंतराल पर प्रकाश डाला। रोगी आमतौर पर बाद के चरणों में अस्पताल जाते हैं, क्योंकि उन्हें आमतौर पर सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के एक भाग के रूप में उपेक्षित किया जाता है।
निदेशक ने यह भी उल्लेख किया कि वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीआईपी ओपीडी में क्रमशः प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को एक समर्पित स्मृति के साथ-साथ जराचिकित्सा क्लिनिक आयोजित किया जाता है।
डॉ सुरजीत प्रसाद ने भारतीय मनोरोग समाज के सदस्यों के वीडियो को दिखाते अपनी बात रखी। डॉ उज्ज्वल रॉय द्वारा ‘एप्रोच टू अर्ली डिमेंशिया डायग्नोसिस’ और रिम्स के मनोचिकित्सा विभाग के एचओडी डॉ अजय कुमार बाखला ने ‘डिमेंशिया के व्यवहार और मनोवैज्ञानिक लक्षणों के नैदानिक पहलू’ पर व्याख्यान दिया। विषयों ने सभी स्नातकोत्तर प्रशिक्षु और उपस्थित शिक्षकों को ज्ञान का खजाना प्रदान किया।
डॉ मसरूर जहां और डॉ मनीषा किरण द्वारा मनोभ्रंश के मनोवैज्ञानिक और मनोसामाजिक पहलुओं पर अगले 2 व्याख्यान में किया गया था। इसके बाद डॉ अविनाश शर्मा ने संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत किया गया। डॉ सुरजीत प्रसाद ने धन्यवाद किया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ सौरव, डॉ सुनील, डॉ आलोक ने सीआईपी के निवासी, छात्र और कर्मचारियों के साथ सक्रिय भागीदारी की।