शिक्षकों से कम होगा गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ, एमएसीपी पर अगले सप्‍ताह वार्ता

झारखंड
Spread the love

  • शिक्षा सचिव से शिक्षकों की समस्याओं को लेकर संघ ने की वार्ता, कई मुद्दों पर चर्चा

रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का शिष्‍टमंडल स्‍कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव राजेश कुमार शर्मा से 9 सितंबर को मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे ने किया। सचिव के साथ लगभग 45 मिनट वार्ता चली। इस दौरान संघ ने उन्‍हें प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षकों की विभिन्‍न समस्याओं से अवगत कराया।

संघ ने कहा कि शिक्षकों से जाति प्रमाण पत्र, बीएलओ, बैंक खाता में खुलवाने, आधार बनाने और विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार जैसे गैर शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं। इससे पठन-पाठन में परेशानी हो रही है। बच्‍चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इसपर संघ ने गहरी चिंता जाहिर की। सचिव ने आश्वासन दिया कि इसकी समीक्षा कर गैर शैक्षणिक कार्यों की संख्या कम की जाएगी।

सचिव ने कहा कि गैर योजना एवं योजना मद के उर्दू शिक्षकों का वेतन आवंटन इसी माह जारी कर दिया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक का पद रिक्त रहने से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। चतरा डीएसई को वित्तीय पावर देने संबंधी फाइल शिक्षा मंत्री को अनुमोदन के लिए बढ़ा दी गई है। शीघ्र ही पत्र जारी कर दिया जाएगा।

एमडीएम की राशि नहीं होने के कारण स्कूलों को हो रही परेशानी पर ध्यान आकृष्ट करने पर सचिव ने बताया कि जुलाई एवं अगस्त माह के कुकिंग कॉस्ट की राशि जिलों को भेजी जा रही है। भारत सरकार से बात चल रही है। सोमवार की मीटिंग के बाद आगे के माह की राशि का भी आवंटन जारी कर दि‍या जाएगा।

प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति पर ध्यान आकृष्ट कराने पर सचिव ने संबंधित संकल्प विधि 619 पर उच्च न्यायालय के रोक की बात बताई। स्पष्ट किया पूर्व के प्रावधानों के तहत प्रोन्नति देने के लिए सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देशित किया जाएगा। जामताड़ा आदि जिलों में एडीपीओ, बीइईओ की शीघ्र समीक्षा कर पदस्थापन कर दिया जाएगा।

बिहार की तर्ज पर शिक्षकों को झारखंड में भी एमएसीपी का लाभ लेने के सवाल पर विस्तृत चर्चा के बाद सचिव ने अगले सप्ताह संघ को वार्ता के लिए वांछित कागजातों के साथ आमंत्रित किया।

प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद, सोशल मीडिया प्रभारी अजय ज्ञानी, प्रवक्ता राकेश कुमार आदि लोग शामिल थे।