उत्तराखंड। उत्तराखंड के चमोली में वन अनुसंधान केंद्र की रिसर्च टीम को पश्चिमी हिमालय में पहली बार दुर्लभ कीटभक्षी पौधा यूट्रीकुलेरिया फर्सिलेटा मिला है। इसे लेकर रिसर्च पेपर तैयार किया गया है।
इस रिसर्च पेपर को जर्नल ऑफ जैपनीज बॉटनी ने भी प्रकाशित किया है। वन अनुसंधान केंद्र की गोपेश्वर रेंज की टीम के जेआरएफ मनोज सिंह और रेंजर हरीश नेगी को पिछले सितंबर में चमोली के मंडल वैली के करीब दो फीट की ऊंचाई पर उच्च हिमालयी क्षेत्र में एक पौधा मिला।
2-4 सेंटीमीटर के इस पौधे के बारे में अध्ययन करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यूट्रीकुलेरिया फर्सिलेटा नाम का यह पौधा कीटभक्षी पौधा है। यह पौधा कीड़े-मकोड़ों के लार्वों को खाकर उनसे नाइट्रोन प्राप्त करता है।
इसे लेकर जेआरएफ मनोज सिंह ने बताया कि साल 1986 से इस पौधे को देश में कहीं भी नहीं देखा गया है। इस पौधे के फूल बरसात में ही खिलते हैं। टीम को पौधे की जानकारी जुटाने व रिसर्च पेपर तैयार करने में डॉ. एसके सिंह, सयुंक्त निदेशक बीएसआई देहरादून ने विशेष मदद की।
यह कीटभक्षी पौधा देखने में भले ही छोटा है लेकिन पर्यावरण को मजबूत करने में इसकी भूमिका खास है। कीड़े-मकोड़े जो पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं, उनके बड़े होने से पहले ही यह उन्हें खा जाता है। ऐसा न हो तो उच्च हिमालयी क्षेत्र की कई सारी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की भरमार हो जाती। यह पौधा पानी को साफ करने में भी मदद करता है।