भागलपुर। बिहार गृहरक्षा वाहिनी व अग्निशामक सेवा में बहाली के लिए अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच परीक्षा में समन्वयक के रूप में प्रतिनियुक्त भागलपुर जिले के सात शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय से जारी पत्र में शिक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए अभ्यर्थियों के मेधा अंक में छेड़छाड़ कर ओवरराइटिंग की है।
शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई करने वाले शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना चंदन कुमार के अनुसार यह कार्रवाई वरीय उपसमाहर्ता सामान्य शाखा की ओर से जारी जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। 18 अभ्यर्थियों के मेधा अंक में छेड़छाड़ की गई है। इन फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान संबंधित बैच, अभ्यर्थियों के चेस्ट नंबर समेत प्रत्येक बैच के लिए अधिकृत समन्यक की ड्यूटी कर रहे शिक्षकों की सीसीटीवी व वीडियोग्राफी के फुटेज के आधार पर की गई है।
निलंबित शिक्षकों में राजेद्र प्रसाद सिंह, अमित कुमार रजक, सुबोध कुमार, संजय कुमार, प्रदीप कुमार मंडल, सोहिल दास व सुधांशु शेखर सिंह हैं। इससे पहले मध्य विद्यालय अनुसूचित जाति चंपानगर के सहायक शिक्षक शशि भूषण राय को ऐसे ही आरोप में निलंबित किया जा चुका है। निलंबित शिक्षकों का कहना है कि शारीरिक जांच परीक्षा के दौरान उनका काम फाइलों को एक काउंटर से दूसरे काउंटर तक पहुंचाना था। बहाली से जुड़े अभ्यर्थियों के आंकड़ों को दर्ज करने में शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं थी। शिक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों की मेडिकल, ऊंची कूद, लंबी कूद, गोला फेंक व दौड़ से जुड़ी जानकारी काउंटरों पर बैठे जिला प्रशासन के कर्मी कर रहे थे।
साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव राणा कुमार झा ने बयान जारी कर कहा कि निलंबित शिक्षकों से मुलाकात करने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला पदाधिकारी भागलपुर से मिल कर उनका पक्ष रखा जाएगा।