माकपा का दावा, सीएम हेमंत सोरेन को दो और मामलों में नोटिस देने की तैयारी

झारखंड
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  • आरएसएस-भाजपा की नफरती साजिशों के खिलाफ पूरे झारखंड में चलेगा साझा अभियान

रांची। माकपा का राज्य सचिवमंडल आरएसएस-भाजपा के धार्मिक उन्माद फैलाए जाने के खिलाफ झारखंड में साझा अभियान चलाएगा। यह सभी अमन पसंद और धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के साथ मिलकर होगा। इसका उद्देश्‍य सांप्रदायिक धुव्रीकरण के खिलाफ आपसी भाईचारा और सद्भावना को बढ़ाना है। इस अभियान की शुरुआत राजधानी रांची और उप राजधानी दुमका में जन कन्वेंशन से होगी। यह जानकारी सचिवमंडल की बैठक के बाद पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने प्रेस को 6 मई को दी।

राज्‍य सचिव ने बताया कि राज्य में होने जा रहे पंचायत चुनाव मे भी ग्रामीण मतदाताओं के नाम पार्टी द्वारा एक अपील जारी की जा रही है। चुनाव में सांप्रदायिक उन्माद और उत्पात में शामिल रहने वाले उम्मीदवारों को चिन्हित कर उसे हराने और इस प्रकार की पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की जमानत जब्त कराने का आह्वान किया जायेगा।

माकपा सचिवमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए भाजपा और राज्य के गवर्नर पर लगातार षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। राज्‍यपाल पर राजभवन से भाजपा के एजेंट के रूप मे काम करने का आरोप लगाया। सदस्‍यों ने कहा कि इसके पहले उन्होंने भाजपा के कहने पर राज्य विधानसभा से पारित मॉब लिचिंग के खिलाफ बने विधेयक को वापस कर दिया था। उनका यह आचरण भारत के फेडरल स्वरूप के भी खिलाफ है।

विप्‍लव ने कहा कि राज्यपाल के कहने पर ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने पत्थर खनन लीज  मामले में अपने स्पेशल दूत द्वारा मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा है। उसे तामिल कराते हुए मुख्यमंत्री को 10 मई तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग द्वारा अति सक्रियता दिखाते हुए दो अन्य मामलों में भी मुख्यमंत्री को नोटिस दिए जाने की तैयारी चल रही है।

राज्‍य सचिव ने कहा कि वर्ष, 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी हार को पचा नहीं पा रही है। इसलिए हेमंत सरकार को गिराने के लिए सभी प्रकार के हथकंडों का इस्तेमाल कर रही है। इसमें गठबंधन के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश भी शामिल है। हेमंत सरकार के अब तक के कार्यकाल में जितने भी विधानसभा के सत्र हुए भाजपा ने संसदीय परंपराओं को तिलांजलि देकर विधानसभा को बाधित किए जाने का ही काम किया है।

प्रकाश ने कहा कि भाजपा को भष्टाचार का मुद्दा उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए कि उसके पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में मोमेंटम झारखंड के नाम पर कितना बड़ा घोटाला हुआ। उनकी ही पार्टी के सरयू राय ने किताब लिखकर सबूतों के साथ रघुवर दास पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उसी प्रकार नेता विपक्ष की प्रतीक्षा सूची में खड़े बाबूलाल मरांडी पर भी भष्टाचार के कई आरोप लगते रहे हैं।

माकपा ने कहा कि भष्टाचार के किसी भी मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कानून को अपना काम करना चाहिए। चाहे आरोपित व्यक्ति किसी भी उच्च पद पर क्यों नहीं हो। हालांकि भाजपा अपने सांप्रदायिक धुव्रीकरण के एजेंडे को छिपाने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत निर्वाचित सरकार को अपदस्थ किए जाने की सुनियोजित साजिश कर रही है। इसका पर्दाफाश किया जाना जरूरी है।

राज्य सचिव ने कहा कि सीपीएम के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में 34 साल और त्रिपुरा में दो दशकों से ज्यादा समय तक वाममोर्चा की सरकार रही थी। अभी केरल में भी पिछले 8 वषों से वाम-जनवादी मोर्चे की सरकार है। इन सरकार और उनके मंत्रियों पर एक भी भष्टाचार के आरोप नहीं लगे। कम्युनिस्ट राजनीति को अपना हित साधने का माध्यम नहीं बनाते हैं। वे राजनीति में उच्च आदर्शों के साथ जनता के हितों की हिफाजत को ही अपना कर्तव्‍य मानते हैं।

माकपा स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे राज्य में आजादी के आंदोलन में स्थानीय योगदान को चिन्हित कर जिला स्तरीय समारोह आयोजित करेगी। इसकी शुरुआत धनबाद जिले से होगी।