लोहरदगा घटना में मंत्री और राज्यसभा सांसद की भूमिका भी संदेहास्पद : रघुवर दास

झारखंड
Spread the love

रांची। रामनवमी शोभायात्रा पर पत्थराव की जानकारी लेने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास 12 अप्रैल को लोहरदगा गये। वहां स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए घटनास्थल पर जाने से रोक दिया। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि तुष्टिकरण के चक्कर में बहुसंख्यक समाज को दबाना बंद करे। जुलूस इस क्षेत्र से जायेगा, इस क्षेत्र से नहीं जायेगा यह नहीं चलेगा। साथ ही, दिखावे की कार्रवाई का भी भाजपा कड़ा विरोध करेगी। प्रशासन का बैलेंसिंग एक्ट नहीं चलेगा, जिसमें दोनों पक्षों के बराबर-बराबर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जो दोषी है, उस पर निष्पक्ष होकर कार्रवाई करनी होगी।

इसके बाद दास लोहरदगा के सदर अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे। सभी ने बताया कि उनका जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकला था। अचानक कब्रिस्तान की ओर से पत्थरों की बारिश होने लगी। लोगों को बचाव करने तक का अवसर नहीं मिला। इसके बाद प्रशासन का रवैया भी ढुलमूल रहा है। निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की जा रही है, जबकि दूसरे पक्ष को लोगों के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई हो रही है।

पूर्व सीएम ने लोहरदगा में भाजपा के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद एक प्रेस से उन्होंने कहा कि पहले से तैयारी कर घटना को अंजाम दिया गया। जुलूस में सुरक्षा के नाम पर मात्र तीन-चार पुलिसकर्मी थे। उनके पास डंडा भी नहीं था। वर्ष, 2020 में लोहरदगा में ही सीएए-एनआरसी के समर्थन में निकाले गये जुलूस में पत्थराव हुआ था, उसमें नीरज राम प्रजापति नाम के युवक की मौत हो गयी थी। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। यह पूरी घटना में हेमंत सरकार की विफलता का परिणाम है। इस सरकार के सत्ता में आते ही राज्य में विघटनकारी शक्तियां सक्रिय हो गयी हैं।

दास ने कहा कि रांची में सरहुल की शोभायात्रा रोकी जाती है, तो खूंटी में मंगला यात्रा को रोक दिया जाता है। यह केवल वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है। राज्य सरकार उनके सामने नतमस्तक है। झारखंड में बढ़ती सांप्रदायिक घटना के पीछे पीएफआइ के हाथ से इनकार नहीं किया जा सकता है। उनका काम ही सांप्रदायिक उन्माद और अराजकता फैलाना है। क्षेत्र से आनेवाले राज्य सरकार के मंत्री और एक राज्यसभा सांसद की भूमिका भी संदेहास्पद है।

दास ने पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने घटना स्थल के गांववालों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात कर उन्हें हिम्मत रखने का हौसला दिया। साथ ही बताया कि पूरा भाजपा परिवार उनके साथ सच की लड़ाई में खड़ा है। इस दौरान लोहरदगा के सांसद श्री सुदर्शन भगत, जिला अध्यक्ष मनिर उरांव समेत कई लोग उपस्थित थे।