नई दिल्ली। मिट्टी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला प्लास्टिक अब हमारे-आपके खून में भी घुलता जा रहा है। जी हां यह खतरनाक सच उजागर हुआ है एक वैज्ञानिक शोध में, जिसने वैज्ञानिकों की चिंता को और भी बढ़ा दिया है. नीदरलैंड्स के एक वैज्ञानिक शोध में सामने आया है कि इंसानों के खून में भी प्लास्टिक के कण घुले मिले हैं.
अध्ययन के हिसाब से 77 फीसद लोगों के खून में माइक्रो-प्लास्टिक पाया गया है. डच शोधार्थियों ने एक अध्ययन में पाया कि प्लास्टिक के सबसे चर्चित रूप यानी पॉलीइथाइलीन टेरीप्थेलेट (PET) के कण इंसान के खून में मौजूद हैं. PET यानी पेट का इस्तेमाल आमतौर पर पानी की बोतलें, जार, डिब्बे और खाने की चीजों की पैंकिग में किया जाता है. यह खाद्य पदार्थों के जरिये इंसानों के रक्त में घुलता जा रहा है।
अध्ययन से पता चलता है कि लोगों के सांस लेने या खाने के माध्यम से प्लास्टिक के कण उनके शरीर में जा रहे हैं. यही नहीं प्लास्टिक के खून में मिलने से शरीर में क्रोनिक इन्फ्लामेशन की शिकायत बढ़ सकती है. इस शोध अध्ययन में शामिल 22 लोगों के खून के नमूनों की पांच तरह के प्लास्टिक की जांच के लिए जांच की गई. जिसमें पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्ट्रीन, पॉलीमिथाइल मेथाक्रायलेट, पॉलीथाइलिन और पॉलीथाइलिन टेरिप्थेलेट शामिल हैं.
इनमें 22 लोगों के रक्त नमूनों में से 17 लोगों के खून में प्लास्टिक की अच्छी खासी मात्रा पाई गई. रक्त नमूनों में PET के बाद दूसरा सबसे ज्यादा मौजूद होने वाला प्लास्टिक पॉलीस्टाइरिन भी पाया गया. इसके अलावा तीसरे नंबर पर वैज्ञानिकों को पॉलीथायलिन मिला, जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक के बैग बनाने में होता है. अध्ययन के मुताबिक पॉलीथाइलिन, टेरिप्थेलेट की मात्रा परीक्षण किए गए 50 फीसदी लोगों के रक्त में पाई गई. वहीं पॉलीस्टीरीन 36 फीसदी लोगों के खून में मौजूद था.
बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को देखते हुए इसको बंद करने और इस्तेमाल नहीं किए जाने को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग अभियान चलाए जा रहे हैं.