देवघर। बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के साथ बाबा मंदिर में हुई बदसलूकी के बाद देवघर मंदिर के मुख्य प्रबंधक पद से रमेश परिहस्त हटाए दिए गए। जांच के बाद उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कार्रवाई की। उन्हें अगले आदेश तक कार्य से मुक्त किया गया। यह मुद्दा झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन गरमाया था।
विपक्षी दल के विधायकों ने सरकार पर चौतरफा हमला बोला। भाजपा विधायकों ने सत्ताधारी दल की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ देवघर मंदिर में हुए व्यवहार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि उनका अपमान पूरे सदन का अपमान है।
अंबा प्रसाद ने कहा कि वह महाशिवरात्रि को देवघर गई थीं। मंदिर में अव्यवस्था का माहौल था। मैंने SDO को बुलाया, वे नहीं आए। मुझको खुद आने को कहा। अभिवादन का जवाब नहीं दिया। स्पीकर ने निर्देश दिया कि सरकार एक्शन ले। इन लोगों का मन बढ़ गया है। विधायक ने कहा कि मुझसे खराब व्यवहार किया गया।
अंबा ने कहा कि मेरे निजी सचिव को घसीटकर निकाला। मंदिर के प्रबंधक ने बदतमीजी की। स्पीकर के आदेश पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा में मामला उठाए जाने के बाद मामले की हकीकत जानने के लिए देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने जांच का आदेश दे दिया है।