कृषि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर बहाली जल्द की जाएगी : बादल पत्रलेख

कृषि झारखंड
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  • जिले के कृषि विकास में केवीके का कार्य बेहतर : सत्यानंद भोक्ता

चतरा। भारतीय प्राकृतिक रोल एवं गोंद संस्थान रांची और कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) एवं कृषि विभाग के सौजन्य से अनुसूचित जाति के किसानों के बीच कृषि उपयोगी यंत्र का वितरण किया गया। चतरा स्थित केवीके परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने अनुसूचित जाति किसानों के बीच 50 वर्मी पिट, 50 स्प्रयैर एवं 50 कृषि किट का वितरण किया। जिला मत्स्य विभाग के सौजन्य से तीन किसानों को एक–एक लाख का अनुदान वितरित किया गया। जिला कृषि विभाग के सौजन्य से गंगाजीत गांव के किसान मुकलेश कुमार सिंह को 50 प्रतिशत अनुदान पर  मिनी राइस हांलर को बांटा।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस तरह के कार्यक्रम राज्य के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों किये जाने की आशा जताई। राज्य में कृषि विस्तारीकरण गतिविधियों में केवीके को बढ़ावा देने की बात कही। कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्रों एवं कृषि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर बहाली जल्द ही पूरी हो जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में अधूरे पड़े एग्रो टूरिज्म पार्क को पूरा करने, भेड़ी फार्म को मजबूत करने का प्रयास हो रहा है। डेयरी फार्म की स्थापना की जाएगी। केवीके में स्थापित मिट्टी जांच प्रयोगशाला  के कार्यो को सराहा। इसी तरह अन्य केवीके में मिट्टी जांच प्रयोगशाला को कार्यशील किये जाने की जरूरत बतायी।

विशिष्ठ अतिथि श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने जिले में कृषि विकास को गति देने में केवीके, चतरा के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिले में कृषि क्षेत्र में काफी अवसर है। जिले के किसानों को कृषि मंत्री से काफी अपेक्षाएं है।

स्वागत करते हुए उपायुक्त दिव्यांशु झा ने कहा कि मैंने पूरे जिले में किसानों के कृषि गतिविधियों को देखा है। जिले के किसान काफी मेहनती है। इन्हें प्रोत्साहित कर कृषि क्षेत्र की दिशा और दशा को नई राह दि‍खाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में आईआईएनआरजी वैज्ञानिक डॉ निर्मल कुमार और केवीके प्रभारी डॉ रंजय कुमार सिंह ने भी अपने विचारों को रखा। मौके पर डॉ बीपी रॉय, उपेंद्र कुमार सिंह, जुनैद आलम, एसके दूबे, अभिजित घोष, रवि कुमार, नेपाल ठाकुर, बसंत ठाकुर, जयराम सिंह, लालमणि ठाकुर, एवं रूपलाल भोक्ता सहित सैकड़ो की संख्या में किसान मौजूद थे।