अब चतरा में मगही सहित अन्‍य भाषा का शुरू हुआ विरोध

झारखंड
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चतरा। भाषा विवाद को लेकर शुरू हुआ विरोध अभी रूकने का नाम नहीं ले रहा है। धनबाद-बोकारो में मगही और भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा में शामिल किये जाने को लेकर व्‍यापक विरोध हुआ था। इसके बाद झारखंड सरकार ने इन दोनों भाषाओं को वहां से हटा दिया। नये सिरे से 18 फरवरी को क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की जिलेवार सूची जारी की।

नई अधिसूचना के मुताबिक नागपुरी, उर्दू, खोरठा, मगही को चतरा जिले में क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किया गया है। अब चतरा जिले की सूची से मगही सहित अन्‍य को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाने की मांग शुरू हो गई है। झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के सदस्‍य आंदोलनकारी नवीन कुमार ने जिले में खोरठा के अलावे अन्य भाषाओं को विरोध किया है।

लोगों ने कहा कि चतरा जिला में मगही भाषा है ही नहीं। चूंकि यहां प्रवासीयों की भाषा खोरठा ही यहां की बोली है। संपूर्ण राज्य में पांच जनजातीय और चार क्षेत्रीय भाषा के अलावा और कोई भी भाषा झारखंड में द्वितीय राज्य भाषा के रूप मे स्वीकार नहीं है। भाषा को लेकर उलगुलान जारी रहेगा।