- चतरोचट्टी में बन रहे थाना भवन में महिला मजदूरों को नहीं मिल रही न्यूनतम मजदूरी
प्रशांत अंबष्ठ
गोमिया (बोकारो)। पुलिस की नाक के नीचे कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। बेरमो अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चतरोचट्टी में नया थाना भवन बन रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने इसमें अनियमितता की कई शिकायतें की है। हालांकि भवन निर्माण विभाग चुप्पी साधे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार चतरोचट्टी थाना का अपना भवन नहीं है। लिहाजा सरकार द्वारा नया थाना भवन बनाया जा रहा है। भवन निर्माण में काम कर रहे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है। महिला मजदूरों को पुरुषों के बराबर भी मजदूरी नहीं दी जा रही है। महिला मजदूरों ने बताया कि वह पिछले 3 दिनों से काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें दो सौ रुपए प्रतिदिन देने की बात कही गई है।
एक मजदूर ने बताया कि वह 10 दिन से काम कर रहे हैं। अभी तक उन्हें मजदूरी नहीं मिली है। ठेकेदार द्वारा तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से हाजिरी देने का आश्वासन दिया है। चतरोचट्टी के स्थानीय ग्रामीण एवं समाजसेवी सुंदर रविदास ने कहा कि इस भवन निर्माण में घटिया किस्म के ईट, बालू और सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। आसपास के बंगला भट्ठा के ईट को थाना भवन के निर्माण में लगा दिया है।
समाजसेवी ने बताया कि अनियमितता की शिकायत भी उन्होंने संबंधित अधिकारी से लेकर स्थानीय विधायक और सांसद को भी की थी। इसके आलोक में जांच टीम आई, लेकिन खानापूर्ति कर चली गई। उन्होंने कहा कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है। थाना भवन के निर्माण में जब घटिया किस्म के ईट, बालू और सीमेंट का उपयोग किया जाएगा, तब दूसरे क्षेत्रों में कैसा काम हो रहा होगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
बता दें कि 1998 में नक्सलियों द्वारा चतरोचट्टी पुलिस पिकेट को उड़ा दिया गया था। दरअसल उस दौरान लोकसभा के चुनाव होने थे। यहां एक पुलिस पिकेट था, जहां पुलिसकर्मी रहते थे। चुनाव के लिए वे दूसरे क्षेत्र में चले गए थे। मौका पाकर नक्सलियों ने उस भवन को विस्फोट कर उड़ा दिया था। इसके बाद जब चतरोचट्टी थाना की स्थापना की गई। उस वक्त भी वहां अपना भवन नहीं था। जिस भवन में अभी थाना संचालित हो रही है, वह बाजार समिति का बाजार भवन है। लिहाजा नया थाना भवन का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन वह भी दुरुस्त नहीं बन रहा है।