रांची। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मनाया गया। इस अवसर पर आरयू के आईएलएस सभागार में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्यक्रम किया गया। इसकी अध्यक्षता एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ राजकुमार शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन के 39 वर्षों में पूरे दुनिया में अध्यात्म, वेदांत, दर्शन, संस्कृति, शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में भारत के योगदान को प्रमुखता से रखा। वे आध्यात्मिक शक्ति के अध्येता और प्रेरणास्रोत रहें हैं। स्वामी जी हमेशा कहते थे कि युवाओं के अंदर असीमित शक्ति है। युवा अपनी ऊर्जा को आध्यात्मिक ऊर्जा में रूपांतरित करें।
आरयू के वोकेशनल कोर्सेस की उप निदेशक डॉ स्मृति सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन हमेशा प्रेरक है। उनके द्वारा कही गई बातें आज भी प्रासंगिक है। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ ब्रजेश ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं आदर्शों को अपनाते हुए युवाओं को देश के विकास में अपना योगदान देना होगा।
कार्यक्रम को जेसक्स के सत्यप्रकाश प्रसाद, उत्पल दत्त, अनुज सिन्हा, एनएसएस के अनुभव चक्रवर्ती, दिवाकर आनंद, प्रिंस तिवारी, पवन गुप्ता, काजल, नैंसी, भावना, नेहा, पूजा, दिनकर, श्रवण, नवीन आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर क्विज एवं भाषण प्रतियोगिता हुई। इसका विषय : कोरोना माहमारी में युवाओं की भूमिका था।
भाषण प्रतियोगिता के विजेता
प्रथम – फलक फातिमा
द्वितीय- अंजली मिश्रा
तृतीय – नीरज कुमार
क्विज प्रतियोगिता के विजेता
प्रथम – आभास कुमार
द्वितीय – अंजली कुमारी
तृतीय – प्रकाश कुमार