रांची। झारखंड सरकारी और निजी स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को ऑड-ईवन रोल नंबर के तहत बुलाया जायेगा। इसे लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है। छात्र और शिक्षकों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी रखना जरूरी होगी। स्कूल के प्रवेश द्वार से लेकर कक्षा तक 6 फीट की दूरी से छात्रों को रखनी होगी। बताते चलें कि सरकार ने 10वीं और 12वीं के बच्चों को ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाईन क्लास कराने की भी अनुमति दी है।
कैंपस में लगाने होंगे नंबर
स्कूलों को अपने परिसर में आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का नंबर लगाना होगा, ताकि जरूरत पड़ने पर मदद ली जा सके। विभाग ने कहा है कि बच्चों के कक्षा में बैठने जिम्मेवारी वे तय करें। साथ ही दोनों कक्षाओं के बच्चों को रोटेशन के तहत स्कूल बनाने पर बुलाने पर विचार किया जा सकता है। बताते चलें कि मैट्रिक और इंटर की बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए सरकार ने कक्षा शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूल खोलने की अनुमति दी। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करना अतिआवश्यक होगा। स्कूल प्रबंधन को भी कक्षा सहित स्कूलों की रेलिंग, प्रवेश द्वार और शौचालय का नियमित रूप से सैनिटाइजेशन कराने को कहा गया है।
बीमार होने पर तत्काल सूचना
इसके अलावा किसी बच्चे की तबीयत खराब होने पर इसकी तत्काल सूचना प्रशासन को देनी होगी। साथ ही अभिभावकों को भी इसकी जानकारी दी जाये, ताकि बच्चे के इलाज की व्यवस्था करायी जा सके।
कंटेनमेंट जोन के बच्चे नहीं जायेंगे स्कूल
जारी गाइडलाईन में कहा गया है कि संक्रमित क्षेत्र में रहनेवाले छात्र, शिक्षक और कर्मचारियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी। विभाग ने ऐसे छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को सलाह दी है कि वह तब तक स्कूल न जायें जब तक शिक्षा विभाग या आपदा विभाग की ओर से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया जाता। स्कूल के बाहर अगर जाम लगा तो जाम हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जायेगी।
बच्चों की संख्या अधिक होने पर अलग-अलग पाली में कक्षाएं संचालित की जायेंगी। लेकिन इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का खासा ध्यान रखना अनिवार्य होगा। इस संबंध में विभाग ने इसकी सारी जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को दी है। साथ ही सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी कोविड गाइडलाइन को लेकर स्कूलों की मॉनिटरिंग करेंगे।
इनका करना होगा कड़ाई से पालन
छात्रों को अभिभावकों से अनुमति लेकर स्कूल आना होगा। उसके लिए घोषणा पत्र का प्रारूप स्कूलों की ओर से जारी किया गया है। सभी शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को शैक्षणिक कार्य के लिए विद्यालय में उपस्थित रहना होगा। कक्षा में शामिल होने या न होने का चयन छात्र खुद कर सकेंगे। स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं ली जायेगी। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था होगी। हाथों को साबुन से धोना या सैनिटाइज करने की व्यवस्था स्कूल प्रबंधन को करानी होगी।
कक्षा से लेकर प्रयोगशाला या पुस्तकालय तक में शारीरिक दूरी बनानी जरूरी होगी। स्कूलों में होनेवाली सुबह की सभा खेल व अन्य गतिविधि जिससे भीड़ बढ़ने की संभावना हो उसे फिलहाल बंद रखा जायेगा। मौसम को देखते हुए छात्रों की पढ़ाई कक्षा के अलावा कक्षा के बाहर भी की जा सकेगी, लेकिन इसमें कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन करना अनिवार्य होगा।
स्कूलों में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर लगाना अनिवार्य होगा। कक्षाओं में एयर कंडीशन या वेंटिलेशन का होना जरूरी होगा ताकि बच्चों को ताजा हवा मिलती रहे। स्कूल के प्रवेश द्वार पर ही थर्मल स्कैनिंग कर बच्चों को सैनिटाइज करना होगा। प्रत्येक स्कूलों में 2 बॉक्स रखे जायेंगे जिसमें छात्रों द्वारा हल किये गये मॉडल प्रश्न पत्र का उत्तर रखा जायेगा। विभाग के द्वारा मासिक पाठ्यक्रम योजना तैयार की गयी है। इसी आधार पर बच्चों की पढ़ाई करायी जायेगी।
व्हाट्सएप दूरदर्शन रेडियो तथा शिक्षकों द्वारा विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर छात्रों को हर पाठ्यक्रम की जानकारी दी जायेगी। स्कूल में सभी बुजुर्ग, गर्भवती कर्मचारी व शिक्षक विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्हें किसी भी कार्य में शामिल होने की अनुमति नहीं है।