पटना। नरकटियागंज से भाजपा की विधायक रश्मि वर्मा के अचानक विधानसभा सदस्य से इस्तीफा देने से बिहार की सियासत में भूचाल देखने को मिल रहा है। भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। भाजपा खेमे में इस इस्तीफे के बाद से हलचल दिख रही है। भाजपा विधायक ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है। हालांकि इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताया जा रहा है। लेकिन राजनीतिक गलियारे से जो इस्तीफे को लेकर जो चर्चा निकल कर सामने आ रही है, उसके पीछे नीतीश सरकार में बेलगाम अफसरशाही और भ्रष्टाचार बताया जा रहा है।
बिहार की राजनीति में जारी उथल-पुथल के बीच बीजेपी में भगदड़ की खबर सामने आ रही है। कुछ दिन पहले ही राजद ने खरमास बाद बिहार में खेला होवे की संभावना व्यक्त कर पहले ही एनडीए की नींद हराम कर दी है। इस्तीफा देने की जानकारी रश्मि वर्मा ने सोशल मीडिया पर साझा की है। साथ ही पत्र लिख कर इस्तीफा देने की वजह भी बताई है। हालांकि बिहार विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने ऐसा कोई पत्र मिलने से इनकार किया। विधायक रश्मि वर्मा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि वह निजी कारणों से बिहार विधानसभा की सदस्यता से स्वेच्छा से इस्तीफा दे रही हैं। कृप्या उनके आवेदन को स्वीकार करने कृपा करेंगे।
इधर विधायक के इस फैसले के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया है। बीजेपी ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। दिल्ली से स्नातक रश्मि वर्मा शिकारपुर स्टेट घराने से आती हैं। उन्होंने 2007 में नरकटियागंज नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। 2014 में उपचुनाव में भाजपा ने उन्हें नरकटियागंज से उम्मीदवार बनाया और जीत भी हासिल की। लेकिन 2015 में उनका टिकट काट कर रेणू देवी को उम्मीदवार बनाया।
बाद में वे निर्दलीय मैदान में उतरीं, जहां उन्हें धमकी भी मिली। उनके आवास पर बम भी फेंका गया। उनके मैदान में आने से भाजपा को नुकसान पहुंचा। इस चुनाव में कांग्रेस के विनय वर्मा ने जीत हासिल की। 2020 में भाजपा ने फिर से उन्हें नरकटियागंज से उम्मीदवार बनाया और वे जीतकर विधानसभा भी पहुंचीं। हालांकि अचानक उनके इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। इस्तीफे के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं।