आनंद कुमार सोनी
लोहारदगा। नवजात शिशु की मौत पर लोहरदगा सदर अस्पताल में परिजनों ने 6 दिसंबर को हंगामा किया। परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया। इस बारे में पूछे जाने पर सदर अस्पताल के डीएस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। किसी के दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक सेन्हा थाना क्षेत्र के उगरा निवासी नयुम अंसारी की पत्नी नाजिया प्रवीण रविवार की रात 10 बजे सदर अस्पताल में भर्ती हुई। यहां उसकी नॉर्मल डिलीवरी हुई। उसने एक बच्ची को जन्म दिया। परिजनों के मुताबिक जन्म के समय बच्ची पूरी तरह स्वस्थ और तंदरुस्त थी। सोमवार की सुबह 11 बजे उसे बीसीजी और बीटीपी का टीका दिया गया।
परिजनों के मुताबिक बच्ची को रूम में ले जाकर टीका लगाया गया। इसके बाद बच्ची सुस्त हो गयी। उसकी धड़कन की गति धीमी हो गई। रुकने लगी। तभी उन्होंने इस बारे में डॉक्टर को इसकी जानकारी दी। फिर बच्ची की मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि टीका लगाने के बाद ही बच्ची की धड़कन धीमी हो गई थी। उसे पंपिंग किया गया। फिर जो लोग सुई दिए थे, वहीं 10 मिनट के बाद आकर बोले कि बच्ची इस दुनिया में नहीं रही।
नयुम अंसारी ने आरोप लगाया कि या तो एक्सपायरी सुई या ओवर डोज दिया गया होगा। इसके कारण हमारी बच्ची दुनिया में नही रही। परिवार में उसकी मौत के बाद मातम छा गया है।
वहीं, अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि एक वाइल में 10 डोज रहता है। रविवार को ही अन्य बच्चों को भी इंजेक्शन लगाया गया था। किसी एक की मौत का अन्य कारण हो सकता है।
पीड़ित परिवार ने कहा कि यह जांच का विषय है। आखिर स्वास्थ्य बच्ची की टीकाकरण के कुछ ही देर के बाद कैसे मौत हो गई। आज डॉक्टरों की लापरवाही से हमारी बच्ची की मौत हुई है, कल किसी और के बच्चे की जान जा सकती है। इसके लिए दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसकी जांच भी होनी चाहिए।