गांधी मैदान में पीएम मोदी की रैली के दौरान फोड़े गए थे बम, अदालत ने 10 आरोपितों में नौ को दिया दोषी करार

बिहार
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पटना। पटना गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए बम ब्लास्ट मामले में बुधवार को एनआइए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने फैसला सुना दिया है। 10 आरोपितों में नौ को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। जबकि एक आरोपित को बरी कर दिया गया है। सजा के बिंदु पर फैसला एक नवंबर को आएगा।

27 अक्तूबर 2013 को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान व पटना रेलवे जंक्शन पर सिलसिलेवार बम विस्फोट किया गया था। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद गांधी मैदान व पटना रेल थाने में केस दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में केस को एनआइए को सौंप दिया गया था।

एनआइए ने अनुसंधान के बाद 10 अभियुक्तों के खिलाफ 22 अगस्त 2014 को आरोप पत्र दाखिल किया था। इस दौरान दस आरोपितों को बेऊर जेल से सिविल कोर्ट परिसर में लाया जाएगा। आज अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। बुधवार को सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा रही। बेऊर जेल से लेकर सिविल कोर्ट जाने के तमाम रास्तों पर पुलिस की तैनाती रही।

मालूम हो कि एनआइए की स्पेशल कोर्ट बीते आठ वर्षों से इस मामले में सुनवाई कर रही थी। इस ब्लास्ट कांड में कुल 11 आरोपित बनाए गए थे। एक आरोपित नाबालिग होने की वजह से अलग से उसके मामले में सुनवाई की गई। अब बुधवार को शेष 10 आरोपितों को लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया। गौरतलब है कि 27 अक्तूबर 2013 को पीएम मोदी की हुंकार रैली में खचाखच भरे गांधी मैदान में आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट किया था। इसमें छह की मौत हो गई थी और बाद में संख्या बढ़ कर 10 हो गई।

अदालत ने हैदर अली, नोमान अंसारी, मो मुजीबुल्लाह अंसारी, उमर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैसी, अहमद हुसैन, फकरूद्दीन, मोहम्मद फिरोज आलम, मोहम्मद इफ्तिखार आलम व इम्तियाज अंसारी के खिलाफ फैसला सुनाया है। ब्लास्ट का मुख्य आरोपित हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर एनआइए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। सभी आरोपितों को पटना के बेऊर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआइए की टीम ने जांच के बाद 2014 में ही हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो मुजिबुल्लाह अंसारी, मो इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी व एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। उस दिन पटना जंक्शन पर भी विस्फोट हुआ था।

आतंकी की गलती से मानव बम जंक्शन के शौचालय में फट गया था। कहा गया था कि मानव बम से पीएम उम्मीदवार रहे वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के वाहन उड़ाने की साजिश थी। गांधी मैदान में ब्लास्ट के दौरान मंच पर मौजूद नेताओं ने बड़ी समझदारी का परिचय दिया था। जिस समय ब्लास्ट हुआ, मंच से नेताओं ने कहा कि कुछ नहीं हुआ है। लड़के पटाखा फोड़ रहे हैं। नेताओं के भाषण का असर था कि उस समय भगदड़ की स्थिति नहीं बनी।