झारखंड में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत : डॉ सौरभ वार्ष्णेय

झारखंड सेहत
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  • इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी की झारखंड शाखा का वार्षिक सम्‍मेलन

रांची। इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के झारखंड स्टेट ब्रांच (JASCON-2021) का 19वां वार्षिक सम्मेलन 23 अक्‍टूबर को हुआ। इसकी मेजबानी सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री, रांची ने वचुर्अल मोड में की। झारखंड सहित पूरे भारत से लगभग 200 प्रतिनिधियों ने सम्मेलन (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में भाग लिया। इस अवसर पर ‘21वीं सदी में व्यसन और इसके मनोवैज्ञानिक पहलू और हालिया प्रगति’ पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर सीआईपी के निदेशक प्रो (डॉ) बासुदेव दास सह आयोजन संरक्षक ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। मुख्‍य अतिथि एम्‍स देवगढ़ के कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रो. (डॉ.) सौरभ वार्ष्णेय ने झारखंड में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि सीआईपी, रांची और एम्स देवगढ़ इस प्रासंगिक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। तंबाकू का उपयोग अधिक है। यह एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है। व्यवहार की लत और विशेष रूप से इंटरनेट की लत उभर रही है। यह युवा पीढ़ी के लिए चिंता का विषय है।

सम्मानित अतिथि रिनपास रांची की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ जयति सिमलाई ने बताया कि नशे की लत के उपयोग से मस्तिष्क कैसे प्रभावित होता है। व्यवहारिक व्यसन में आनुवंशिक प्रभाव पड़ता है। रांची रिम्‍स के मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ (मेजर) अजय कुमार बाखला और इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी, झारखंड राज्य शाखा के अध्यक्ष ने मनश्चिकित्सा, नैदानिक मनोविज्ञान और मनोरोग सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जनशक्ति विकसित की जा सके और झारखंड में मानसिक बीमारी और लत का इलाज हो सके।

क्लिनिकल डायरेक्टर (एनएचएस, यूनाइटेड किंगडम) डॉ. बक्सी एन पी सिन्हा ने ‘डिजाइनर ड्रग्स’ पर एक सिंहावलोकन और अपडेट प्रदान किया। सीआईपी की क्लिनिकल साइकोलॉजी की सहायक प्रोफेसर डॉ स्वर्णाली बोस ने इंटरनेट, गेमिंग और सेल फोन की लत पर चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि जब कोई बच्चा इंटरनेट का उपयोग कर रहा हो, तब माता-पिता के पर्यवेक्षण की आवश्यकता है। सीआईपी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रोशन वी खानंडे ने इस बारे में विस्तृत विवरण दिया कि कैसे एक व्यक्ति जुआ खेलने, और अन्य व्यवहार व्यसनों के आदी हो जाते है। एसोसिएट प्रोफेसर (वाईएमसी, मैंगलोर) डॉ रविचंद्र कार्कल ने व्यसनी विकारों के उपचार में हाल की प्रगति पर एक व्याख्यान दिया।

सीआईपी के जूनियर रेजिडेंट डॉ सचिन रेड्डी ने आर बी डेविस मेमोरियल अवार्ड जीता और एम फिल क्लिनिकल साइकोलॉजी स्कॉलर सुश्री तान्या राज ने टीबी सिंह मेमोरियल अवार्ड जीता।

वार्षिक आम सभा की बैठक के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। सीआईपी के एसोसिएट प्रोफेसर और आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ निशांत गोयल ने धन्यवाद दिया। आयोजन सचिव डॉ उमेश एस, आयोजन कोषाध्यक्ष डॉ सुरजीत प्रसाद, संपादक राज्य सम्मेलन डॉ. सौरव खानरा प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल थे।