- टैक्स बकाया को लेकर वन टाइम सेटलमेंट की पहल हो
- चेक पोस्ट पर वाहनों से मिलने वाले राजस्व में है गड़बड़ी
रांची। राज्य में राजस्व संग्रह के लिहाज से परिवहन विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग है। विभाग को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूली की दिशा में ठोस कदम उठाए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11 दिसंबर को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। इस मौके पर विभाग की ओर से राजस्व उगाही को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया।
विभाग की ओर से बताया गया कि इस समय मात्र दो स्थाई एमवीआई और ग्यारह को संविदा के आधार पर रखा गया है, जबकि 11 जिलों में प्रभार के भरोसे काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि एमवीआई की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए।
कम हुई है राजस्व वसूली
विभाग द्वारा मुख्यमंत्री को बताया गया कि कोरोना की वजह से अभी तक राजस्व की कम वसूली हुई है। विभाग ने राजस्व का जो लक्ष्य रखा था, उसका 55 प्रतिशत ही अभी तक कलेक्शन हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन से राजस्व कैसे बढे़, इसके लिए मैकेनिज्म तैयार करें। राजस्व संग्रह में सुधार के लिए पूरी तैयारी के साथ प्रयास करने का भी निर्देश दिया।
राजस्व का नुकसान नहीं हो
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा कि चेक पोस्ट पर वाहनों से मिलने वाले राजस्व में गड़बड़ी की जाने के कई मामले सामने आए हैं। इस वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। उन्होंने चेक पोस्ट पर व्यवस्था को दुरुस्त करने और दलालों पर अंकुश लगाने का भी निर्देश दिया।
660 करोड़ रुपये का टैक्स डिफॉल्ट
विभाग की ओर से बताया कि राज्य में लगभग 660 करोड़ रुपए का टैक्स डिफॉल्ट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स डिफॉल्ट को लेकर बकायेदारों से वसूली की दिशा में कदम उठाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स बकाया को लेकर वन टाइम सेटलमेंट की जरूरत हो तो उसकी भी पहल की जाए।
इस मौके पर परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, परिवहन विभाग के सचिव के रवि कुमार उपस्थित थे।